मुंबई: मंगलवार को विदर्भवादियों की पत्रकार परिषद में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया। मुंबई प्रेस क्लब ने अपने विचार रखने के लिए विदर्भवादियों के साथ पत्रकारों के लिए मीट द प्रेस रखी थी जिसमे मनसे द्वारा हंगामा किया गया। तय समय के अनुसार दोपहर करीब तीन बजे प्रेस शुरू हुई। वरिष्ठ विदर्भवादी नेता श्रीनिवास खान्देवाले पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे तभी अचानक मनसे से आधा दर्जन कार्यकर्ता प्रेस क्लब के हॉल में घुसे और अखंड महाराष्ट्र का नारा लगाते हुए प्रेस न करने की धमकी देने लगे। प्रदर्शनकारी मंच तक पहुँच गए और टेबल को उठाकर फेक दिया। प्रदर्शनकारी अखंड महाराष्ट्र का नारा लगाते हुए किसी भी सूरत में राज्य के टुकड़े न होने देने की बात कह रहे थे। मुंबई की जमीन पर मनसे स्वतंत्र विदर्भ पर किसी भी तरह की बात नहीं होने की भी बात प्रदर्शनकारियों ने कही।
इस हंगामे की वजह से पत्रकार परिषद बाधित जरूर हुई पर हुई ऐसा नहीं। कुछ देर हंगामा करने के बाद मनसे के कार्यकर्ता वहाँ से चले गए। बाद में पुलिस की मौजूदगी में विदर्भवादियो ने अपनी बात रखी। पुलिस ने हंगामे में शामिल लोगो में से संदीप देशपांडे और अमेय खापेकर की पहचान की है हलाकि विदर्भवादियों ने हंगामा करने वाले मनसे कार्यरतो के खिलाफ मामला दर्ज कराने से माना कर दिया।
नागपुर टुडे से बात करते हुए धनंजय धार्मिक ने बताया की मंच पर वो उनके साथ वामनराव चटप ,श्रीनिवास खान्देवाले , नंद पराते उपस्थित थे जैसे ही हमने अपनी बात रखनी शुरू की कुछ लोग अचानक घुसे और हंगामा करने लगे। हम सभी प्रेस क्लब के निमंत्रण पर यहाँ पहुँचे थे। मनसे से अपनी प्रतिक्रिया दी हमसे भी अपनी बात रखी। विदर्भ की माँग सिर्फ चंद नेताओं की नहीं बल्कि डेढ़ करोड़ जनता की माँग है। सतत हुए अन्याय से पीछा छुड़ाने और विकास का हक़ विदर्भ की जनता भी रखती है। ऐसे विरोध अलग राज्य के आंदोलन को दबा नहीं सकते।