भिवापुर के पास की घटना, ग्रामीणों में दहशत
भिवापुर
भिवापुर से दो किलोमीटर दूर स्थित भिवापुर-पचखेड़ी मार्ग पर दो अलग-अलग घटनाओं में एक़ पट्टेदार बाघ ने दो बैलों पर हमला कर उनकी जान ले ली. बैलों के मालिकों के नाम बाबूराव मुले और एकनाथ रेहपाड़े बताए गए हैं.
मंगलवार की शाम करीब 5 बजे बाघ ने मुले के खेत में बंधे बैल पर हमला कर उसे गंभीर रूप से जख्मी कर दिया. बैल ने प्रतिकार कर किसी तरह खुद को उसके चंगुल से बचाया और खेत से भाग खड़ा हुआ. लेकिन गंभीर जख्मों के कारण कुछ दूर जाने पर ही उसके प्राणपखेरू उड़ गए.
दूसरा हमला
शिकार के हाथ से छूट जाने से बौखलाए बाघ ने भिवापुर-पचखेड़ी मार्ग से गुजर रही एक बैलगाड़ी को निशाना बनाया और उसके एक़ बैल पर हमला कर दिया. बाघ बैल पर हमले के बाद उसे कुछ दूर तक खींचते हुए ले गया और उसकी जान ले ली. यह देख दूसरा बैल जान बचाकर भाग निकला. घटना रात करीब 8 बजे की है. घटना के समय रेहपाड़े का कर्मचारी गाड़ी लेकर भिवापुर से अडयाल जा रहा था.
उमरेड-करांडला अभयारण्य
घटना की जानकारी मिलने के बाद वन विभाग और पुलिस घटनास्थल पर पहुंची. बाघ की खोज भी की, मगर सफलता हाथ नहीं लगी. उमरेड-करांडला अभयारण्य के कारण इस क्षेत्र में जंगली जानवरों का खुलेआम घूमना और गांव तक चले आना आम बात हो गई है. इससे इस क्षेत्र के किसान और खेत मजदूरों में दहशत का वातावरण बन गया है. ग्रामीणों ने दहशत दूर करने और उनकी रक्षा करने की मांग वन विभाग से की है.