Published On : Fri, Jun 13th, 2014

भिंगरी भय से भयभीत जिले के शराब माफिया

Advertisement
नागपुर टुडे

नागपुर जिले में देशी शराब बनाने की 6 बॉटलिंग प्लांट/फैक्ट्री है.मांगों अनुरूप गुणवत्ता की कमी की वजह से जिले में कोपरगॉव(शिर्डी) की देशी शराब भिंगरी खूब चल रही है,इससे छुब्ध होकर शराब निर्माण क्षेत्र में नेतागीरी करनेवाले सैकड़ों चिल्लर शराब विक्रेताओ को हर प्रकार हथकंडे अपना कर भिंगरी की बिक्री पर पाबंदी लाने हेतु कड़ी मशक्कत कर रहे है.इससे शराब चिल्लर विक्रेताओ में भिंगरी न बेचने से होने वाले नुकसान के सन्दर्भ में सोच-सोच कर हैरान-परेशान है.यह तय है कि जिले में भिंगरी की बिक्री असोचनीय स्थिति है,इसे टक्कर देने के लिए जिले के शराब निर्माताओ को बड़े पैमाने में गुणवत्ता सुधारनी होगी.जिले में 6 देशी शराब की बॉटलिंग प्लांट/फैक्ट्री है, जिसमें रॉयल ड्रिंक्स, विदर्भ bottlers, विदर्भ डिस्टिलर्स, नागपुर डिस्टिलर्स, विदर्भ लिकर कॉर्पोरेशन, कोंकण एग्रो का समावेश है. इनमें से विदर्भ डिस्टिलर्स का गुणवत्ता भिंगरी के निकट है. शेष का गुणवत्ता निम्न दर्जे का है और उत्पादन 50000 पेटी (बॉक्स) के भीतर है. वही कोपरगाँव (शिर्डी) की भिंगरी सिर्फ नागपुर ग्रामीण(नाके के बाहर) दर माह 75000 पेटी ( 1 पेटी में 48 निप) की खपत है, अगर 1 निप 40 रूपए में बेचीं जा रही है तो माह भर में 36 लाख निप से दर माह 14. 36 करोड़ का धंधा सिर्फ भिंगरी निर्माता नागपुर जिले में कर रहे है.यानि रोजाना भिंगरी शराब 48 लाख रूपए धंधा कर जिले के निम्न गुणवत्ता वाले देशी शराब निर्माता को सकते में ला खड़ा कर दिया है.

नागपुर जिले में भिंगरी के 3 डिस्ट्रीब्यूटर है, इनमे जेसवानी लिकर्स, राजू इंटरप्राइजेज, शिव इंटरप्राइजेज का समावेश है. वही दूसरी ओर जिले के लोकल देशी शराब स्वयंभू नेतागिरी करने वाले रॉयल ड्रिंक्स संचालक प्रमोद जैस्वाल सह शराब माफिया रामेश्वर बावनकर सम्पूर्ण जिले में भिंगरी के बिक्री पर जिले में पाबन्दी लगाने और जिले के देशी शराब की बिक्री बढ़ाने हेतु 225-250 सैकड़ो चिल्लर देशी शराब विक्रेताओ पर दबाव सहित नाना प्रकार का खौफ पैदा करने से माहौल तप सा गया है.

Gold Rate
26 July 2025
Gold 24 KT 98,300 /-
Gold 22 KT 91,400 /-
Silver/Kg 1,13,700/-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

प्रमोद-रामेश्वर की नियत यह है कि जिले में भिंगरी बंद हो जाये और लोकल देशी शराब निर्माताओ/बॉटलिंग प्लांट की आड़ में रॉयल ड्रिंक्स का माल का खपत बढ़ जाये, प्रमोद के बॉटलिंग प्लांट/फैक्ट्री में सिर्फ 15- 17000 पेटी दर माह का उत्पादन/निर्माण होता है. वही भिंगरी का उत्पादन दर माह 5 लाख पेटी है. जिले की मांग के के हिसाब से रॉयल ड्रिंक्स सह अन्य 5 बॉटलिंग प्लांट/फैक्ट्री पूरा नहीं कर सकती है , गुणवत्ता का मामला कोसो दूर रह गया. सिर्फ विदर्भ डिस्टिलर्स में भिंगरी के टक्कर का शराब निर्मित होता है.

प्रमोद-रामेश्वर का गुट 1 जून से से भिंगरी के खिलाफ आंदोलन चला रहे है, सभी चिल्लर विक्रेता धंधे को लेकर डरे-सहमे हुए है. जिला आबकारी विभाग ने जिले के चिल्लर सह अन्य अधिकृत विक्रेताओ को 25 मई को कही का भी शराब खरीदने-बेचने की सहमति प्रदान की है, बस प्रमोद-रामेश्वर गुट के गैरकृतो को रोकने की पहल न किया जाना नाना प्रकार का सवाल खड़ा कर रहा है.

liqor
Advertisement
Advertisement