Published On : Mon, Aug 4th, 2014

भद्रावती का ग्रामीण रुग्णालय ही हो गया बीमार

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शिवसेना स्टाइल में निपटने की चेतावनी, ज्ञापन सौंपा


भद्रावती

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यहां का ग्रामीण रुग्णालय खुद बीमार हो गया है. विगत 28 जुलाई को ग्रामीण रुग्णालय की अनेक समस्याओं को लेकर पूर्व नगराध्यक्ष ज्ञानेश्वर डुकरे ने अपने साथियों के साथ सहायक अधीक्षक श्रीमती एस. एस. मुले और डॉ. पोरे से मुलाकात की और अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा. शिष्टमंडल ने अस्पताल की समस्याओं का शीघ्र निराकरण करने की मांग की, अन्यथा शिवसेना स्टाइल में निपटने की चेतावनी दी.

पोस्टमार्टम भी नहीं होता
भद्रावती के अस्पताल में किसी भी बीमारी के प्रथमोपचार के बाद इलाज के लिए चंद्रपुर भेज दिया जाता है. इतना ही नहीं, किसी की मृत्यु होने पर पोस्टमार्टम के लिए भी वरोरा भेजा जाता है. अनेक लोग इलाज के लिए चंद्रपुर जा ही नहीं पाते. ऐसे में अस्पताल गरीबों का इलाज भी नहीं कर पा रहा है. इतना ही नहीं, अस्पताल का अधीक्षक का पद पिछले 8 साल से खाली पड़ा है. अस्पताल प्रभारी अधीक्षक के भरोसे चल रहा है.

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एक्सरे मशीन दो सालों से बंद पड़ी

रुग्णालय में न तो सोनोग्राफी मशीन है और न ही उसका विशेषज्ञ. एक्सरे मशीन तो है मगर पिछले दो सालों से बंद ही पड़ी है. अस्पताल में प्रसूति गृह भी है, मगर आवश्यक सुविधाओं के अभाव में ये किसी काम का नहीं है. विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं होने के कारण रोगियों का उपचार ही नहीं हो पाता.

अस्पताल की इमारत भी जीर्ण-शीर्ण
पोस्टमार्टम की सुविधा इस अस्पताल में है, मगर पोस्टमार्टम गृह पिछले तीन माह से बंद ही पड़ा है. किसी लाश का पोस्टमार्टम करना हो तो उसे वरोरा भेजा जाता है. अस्पताल की इमारत की हालत भी जीर्ण-शीर्ण हो गई है. महिला वार्ड के शौचालय का दरवाजा टूटा पड़ा है. बारिश में पानी छत से टपकने लगता है. दवा भंडार तक में पानी टपकता है, जिससे दवाएं खराब हो जाती हैं. शिष्टमंडल में प्रमुख रूप से डुकरे के अलावा सुनील नामोजवार, नगरसेवक नंदू पढाल, मनोज नैताम, नरेश काले, दिलीप पारखी, किशोर वांढरे, अतुल कोल्हे, सुनील आवारी अदि उपस्थित थे.

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