शादी-विवाह और छुट्टियों का मौसम शुरू
भंडारा
शादी-विवाह और छुट्टियों का मौसम शुरू होते ही रेलगाड़ियों और परिवहन महामंडल की बसों में यात्रियों की भीड़ दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही है. अत: स्थानीय लोगों को यात्रा करने के लिए अब निजी बसों और अन्य यात्री वाहनों का सहारा लेना पड़ रहा है.
भंडारा बस स्थानक हो या पास के रेल्वे स्टेशन, सभी जगह यात्रियों की भीड़ ही भीड़ नजर आती है. इन परिवहन महामंडल की बसों अथवा ट्रेनों में जगह न मिलने पर यात्रियों को निजी बसों, काली-पीली टैक्सियों और जीप गाड़ियों पर ही भारी दिक्कतों के साथ अपने गंतव्य तक यात्रा करनी पड़ रही है.
परिवहन महामंडल की बसें इन दिनों बारात के लिए भी उपलब्ध करा दी जाती हैं. इस कारण बस स्थानकों पर नियमित बसों की फेरियां भी घटजाती हैं. इससे स्थानीय यात्रियों की समस्या और अधिक विकराल रूप धारण कर लेती है.
ट्रेनों में तो दो माह पूर्व आरक्षण कराने की सुविधा के कारण वे यात्री, जिनका पहले से कहीं जाना तय है, अपनी-अपनी सीटों का आरक्षण करा चुके हैं. इस कारण ट्रेनों में हाऊसफुल की स्थिति बनी हुई है. ट्रेनों के आरक्षित डब्बों में बिना आरक्षण वाले यात्री यदि मजबूरी में घुस गए तो उन्हें भारी दंड भी भरना पड़ता है और सुविधा से बैठने की सीट भी नहीं मिलती. ग्रीष्म स्पेशल ट्रेनों में भी वही हालत है. टिकट काउंटर पर भी भीड़ का नजारा ही दिखता है.
प्राथमिक शालाओं की परीक्षा खत्म हो चुकी हैं, महाविद्यालय के विद्यार्थियों की परीक्षाएं अभी चल रही हैं. दो-चार दिन में परीक्षाएं खत्म होते ही बाहरगांव आने-जाने वालों की भीड़ और अधिक बढ़ने की संभावना है. ऐसे में एसटी महामंडल और शासन के पास कोई उपाय योजना नहीं होना, उनकी अदूरदर्शिता का ही परिचय देता है. हर साल यह समस्या और अधिक जटिल होती जा रही है. ऐसे में एसटी महामंडल और शासन को इस मौसम के लिए यात्री बसों की संख्या और बढ़ाने के बारे में उपाय करने की जरूरत है.