Published On : Tue, Jul 15th, 2014

भंडारा : जिले में 6 करोड़ का धान घोटाला

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भंडारा

आधारभूत धान खरीदी केंद्र से अत्यधिक मात्रा में धान उठाने वाली राईस मिल्स पर अपराध दर्ज कर दोषियों पर कडी कार्रवाई करने का संकेत अन्न व नागरी पुरवठा मंत्री अजित देशमुख ने दीया है. जिलाधिकारी कार्यालय में आयोजित बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए जिलाधिकारी ने जिले में 6 करोड़ के धान घोटाले की बात कबूल की है. इसी के साथ यहाँ के आदिवासी विकास महामंडल में भी बड़ा घोटाला होने की चर्चा है. उलेखनीय है कि पूर्व विदर्भ के किसानों से धन खरीदने के लिए खरीदी -बिक्री संस्था के साथ सहकारी भात गिरणी कृषक सेवा संस्था की नियुक्ति कर खरीदी केंद्र शुरू किये जाते है.

इस केंद्र से ख़रीदा हुआ धान बाद में पिसाई के लिए राईस मिल को दिया जाता है इसके लिए निविदा और अन्य प्रक्रिया का सहारा लेकर जिला मार्केटिंग व्यवस्थापक की अनुमति आवशयक होती है परन्तु कुछ राईस मिल मालक और धान व्यापारियों ने जिला मार्केटिंग फेडरेशन को अँधेरे में रख कर केंद्र चलाने वाले संस्थाओं से परस्पर धान उठाया है. इसी तरह तुमसर के कृषक सहकारी संस्था से करीबन 6 करोड़ रुपयों के धान उठाये जाने की खबर है. इसमें 3 राईस मिल के सहभागी होने की खबर है. इसमें से कुछ धन वापस किये जाने की खबर है. परंतु फिर भी अनेकों टन धान आज भी राईस मिल्स के पास है. संबंधित राईस मिल्स के सातबारा पर बोझ डाला गया है इस प्रकरण में तत्कालीन डीएमओ शहारे को निलंबित किया गया है.

इस संदर्भ में कृषि संस्था को काली सूचि में रख कर इस वर्ष केंद्र को धान खरीदी का आदेश नहीं दिया गया. इस प्रकरण में जनवरी में पुलिस थाने में शिकायत दर्ज की गई थी परंतु रिश्वत दे कर इस प्रकरण को दबाने की कोशिश की गई थी. आदिवासी विकास महामण्डल भी इसी सहकारी संस्था के मार्फ़त धन खरीदी करता है. उनके पास से लाखों टन धान गोंदिया के व्यापारी पिसाई के लिए ले गए परंतु उससे तैयार चावल एफसीआइ के गोदाम में जमा नहीं किया गया. सही देख रेख और गोदाम के आभाव में तीन साल खरीदा गया लाखो टन धान सड़ गया है. यह सड़ा हुआ धान गरीबों को कम कीमत में बेचा जा रहा है. इससे सरकार को करोड़ों रुपयों का चुना लग गया है. दोषियों को न बक्शे जाने और उन पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही किए जाने के संकेत माननीय अनिल देशमुख ने दीए है.

Representational Pic

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