Published On : Wed, May 28th, 2014

ब्रम्हपुरी : सड़कें संकरीं, मैदानों पर कब्ज़ा

Advertisement


अतिक्रमणकारियों ने शहर का हुलिया बिगाड़ा


ब्रम्हपुरी

पिछले कई सालों से शहर के नागरिकों ने सड़कों, सार्वजनिक स्थानों के साथ ही नगर परिषद की खुली जगह पर भी अतिक्रमण कर लिया है. अतिक्रमण से रास्ते संकरें हो गए हैं, लेकिन अतिक्रमण हटाने के लिए प्रशासन के पास समय नहीं हैं. इससे नागरिकों को परेशानी उठानी पड़ रही है. अतिक्रमण के कारण हमेशा छोटी-मोटी दुर्घटनाएं होती रहती हैं.

आबादी बढ़ी, वाहन बढे
ब्रम्हपुरी शहर में पिछले कुछ सालों में बस्तियां तो अनेक बसीं, मगर सड़कों की हालत में कोई सुधार नहीं हो पाया. सावरकर चौक से रेलवे स्टेशन रोड 80 फुट का है. सावरकर चौक से सराफा लाइन और सावरकर चौक से पुरानी आनंद टॉकीज के रास्ते को मंजूरी प्राप्त है, लेकिन प्रत्यक्ष रूप से सड़क संकरी हो चुकी है. आबादी के बढ़ने के साथ ही वाहनों की संख्या भी बढ़ी है, परंतु रास्ते दिन ब दिन संकरे होते गए हैं. कार चालकों को तो सड़क से गुजरते हुए बड़ी कसरत करनी पड़ती है. अनेक व्यापारी अपना माल रास्ते पर रख देते हैं. कुछ ने तो दुकान के सामने सीमेंट-कांक्रीट के पक्के ओटे बना लिए हैं.

कई इलाकों में रास्ते बंद
इतना सब होने के बाद भी नगर परिषद चुप्पी साधे बैठी है. दो साल पहले नागरिकों की शिकायत के बाद नगर परिषद ने अतिक्रमण करने वालों को नोटिस थमाया था, लेकिन उसके बाद कुछ नहीं हो पाया, जिससे अतिक्रमणकारियों की हिम्मत बढ़ गई है. विद्यानगर, तिलकनगर, देलनवाड़ी जैसे इलाकों में तो रास्ते बंद हो गए हैं. मंजूर नक़्शे के मुताबिक घर का निर्माणकार्य करने की बजाय लोगों ने सड़क तक निर्माण कर लिया है.

पदाधिकारियों तक ने किया अतिक्रमण
कई नगरसेवकों ने तो नगर परिषद की खुली जगह को ही प्लॉट में तब्दील कर दिया है. कुछ नगरसेवकों ने अपने घर के कम्पाउंड की दीवार नगर परिषद के खुले क्षेत्र तक में बढ़ा ली है. शहर के अनेक वर्तमान और पूर्व पदाधिकारियों ने भी अतिक्रमण कर रखा है. ऐसे में सामान्य नागरिक पीछे कैसे रहते. सो वे भी बहती गंगा में हाथ धो रहे हैं.

अतिक्रमण करनेवालों को सारी सुविधाएं
नगर परिषद के खुले क्षेत्र असुरक्षित हैं. इन क्षेत्रों पर विभिन्न समूहों ने अतिक्रमण कर रखा है. आम नागरिकों का आरोप है कि राजनीतिक कारणों से अतिक्रमण नहीं हटाए जाते. शहर में बसे नए लेआउटों में सड़कें नहीं हैं, नालियां नहीं हैं, नल से पानी की सुविधा तक नहीं है. परंतु अतिक्रमण करनेवालों को सारी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं. नागरिकों की मांग है कि जिन क्षेत्रों में नागरिक सुविधाएं नहीं हैं, वहां सुविधाएं प्रदान की जाएं और अतिक्रमण करनेवाले पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.

File Pic

File Pic