किसानों की उम्मीदें फिर हुर्इं हरी, संकट टलने के आसार बढ़े
बुलढाणा
सोमवार से हो रही रिमझिम बारिश ने लाखों हेक्टेयर क्षेत्र में फैली फसल को जीवनदान दे दिया है. इस बारिश ने किसानों की उम्मीदों को फिर हरा कर दिया है. वरना, पिछले 8-10 दिनों से वरुण देवता के दोबारा मुंह फेर लेने और सूर्य देवता के आंखें तरेरने के कारण किसान की उम्मीदें भी खेतों की तरह ही सूखने लगीं थी. मगर अब किसानों की उम्मीदें फिर जगने लगी हैं. लगता है जैसे इस साल वरुण देवता किसानों की परीक्षा पर परीक्ष लेने पर तुला हुआ है. पहले एक़ से डेढ़ माह तक बारिश के दर्शन नहीं हुए. इससे खरीफ की बुआई में विलंब हुआ. इसी बीच जरा सी बारिश हुई तो कुछ किसानों ने खेतों में बुआई कर ली. मगर फिर बारिश ने 20-22 दिन का विश्राम ले लिया. अभी 15 दिन पहले आई जोरदार बारिश के भरोसे किसानों ने दोबारा बुआई की. जो कुछ घर में बचा था सब खेतों में ले जाकर झोंक दिया. लेकिन बारिश फिर दगा दे गई. लाखों हेक्टेयर फसलों पर संकट छा गया. लगा, क्या तीसरी बार फिर बुआई करनी होगी? मगर सोमवार की दोपहर से हो रही रिमझिम बारिश ने किसानों को और फसलों दोनों को जीवनदान दे दिया है.
आज सुबह से जिले के लगभग सारे इलाकों में कम जोरदार तो कहीं रिमझिम बारिश हो रही है. इस बारिश से नदी-नालों में भले बाढ़ के हालात न पैदा हुए हों, मगर इलाके में लाखों हेक्टेयर जमीन को जीवनदान जरूर मिल गया है. गर्दन नीचे झुकाए पौधे सीधे तनने लगे हैं. किसानों को उम्मीद है कि आगे वरुण देवता जमकर बरसेंगे और खेतों में फसलें लहलहाने लगेंगी.