वर्षों से नहीं हुई नीलामी, कलपुर्जे भी हो रहे चोरी
बुलढाणा
विभिन्न मामलों में जब्त किए गए वाहन स्थानीय पुलिस स्टेशन के बाहर सालों से धूल खाते पड़े हैं. खुले में पड़े ये वाहन गर्मी, बरसात झेलते-झेलते भंगार हो चले हैं, मगर इस तरफ किसी का ध्यान नहीं है. बरसों से इन वाहनों की नीलामी भी नहीं हो सकी है. मजे की बात यह कि इन वाहनों के अनेक कलपुर्जे थाने से चोरी भी हो चुके हैं.
चोरी से लेकर जब्ती तक के वाहन
दरअसल, दुर्घटनाग्रस्त वाहन थाने में जमा किए जाते हैं. उसी तरह अवैध शराब ढोने वाले वाहन, चोरी और जुए के अड्डे पर छापे के बाद जब्त किए गए वाहन पुलिस स्टेशन परिसर में बाहर रखे जाते हैं. इन वाहनों को छुड़ाने के लिए आवश्यक कागजात की जरूरत पड़ती है. लेकिन अनेक वाहनों के कागजात ही नहीं होते, जिसके चलते ये वाहन वापस नहीं जा पाते.
अपने ही वाहनों को पहचानना मुश्किल
जिन वाहनों को लेकर अदालत में मुक़दमा चल रहा होता है वे वाहन भी मुक़दमे का फैसला हुए बगैर वापस नहीं ले जाए जा सकते. मुक़दमा तो सालों चलता रहता है. मुकदमे का फैसला आने तक ये वाहन थाने में ही पड़े रहते हैं. इन वाहनों को रखने के लिए कोई सुरक्षित स्थान नहीं होता. इन वाहनों की तरफ कोई ध्यान भी नहीं देता. अदालत का फैसला आने के बाद ही वाहन संबंधित व्यक्ति को सुपुर्द किए जा सकते हैं, लेकिन तब तक वाहन कबाड़ी में बेचे जाने लायक हो जाते हैं. इसके चलते अनेक वाहनधारक अपने वाहन वहीं छोड़ जाते हैं. दस साल बाद अपने ही वाहन को पहचानना भी मुश्किल हो जाता है.
सैकड़ों साइकिलों को लगी जंग
पुलिस स्टेशन परिसर में साइकिल, दुपहिया वाहन, चौपहिया वाहन, कार जैसे सैकड़ों वाहन भंगार हो चुके हैं. इतनी भारी संख्या में पड़े वाहनों को रखने के लिए अब थाने में जगह भी नहीं बची है. यही कारण है कि ये वाहन खुले में लावारिस पड़े हुए हैं. थाने में पड़ी सैकड़ों साइकिलें जंग खा चुकी हैं. बावजूद इसके पुलिस विभाग इसके प्रति गंभीर नहीं है.