Published On : Tue, Jul 8th, 2014

कोराडी : सरकारी जमीन पर महाजेनको का कब्ज़ा अवैध

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विधायक बावनकुले का आरोप


4.66 हेक्टेयर भूखंड पर महाजेनको-न.पं. में ठनी

कोराडी

नगर पंचायत महादुला के तहत आनेवाले महाराष्ट्र शासन के स्वामित्व के भूखंड (सर्वे क्रमांक 23/2) को लेकर महाजेनको (बिजलीघर) और न.पं. में विवाद तेज हो गया है. दोनों इस भूखंड पर अधिकार जता रहे हैं. यह वही जगह है जिसे अभी चार दिन पहले ही महादुला के साप्ताहिक बाजार के लिए देने का फैसला हुआ था.

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अनेक भूखंडों पर कब्ज़ा
प्राप्त जानकारी के अनुसार मौजा महादुला के सर्वे क्र. 23 में कुल 168.71 हेक्टेयर जमीन महाजेनको के स्वामित्व में है. मुख्य अभियंता के साथ 4 जुलाई को हुई बैठक में कामठी निर्वाचन क्षेत्र के विधायक चंद्रशेखर बावनकुले ने पत्र क्र. 10/8126/14 दि. 4/7/2014 के द्वारा  आरोप लगाया था कि 1970 में महाराष्ट्र सरकार के अनेक ऐसे भूखंड, जो ग्राम पंचायत के अधिकार-क्षेत्र में थे और जिन्हें ग्रा.पं. ने सार्वजनिक उपयोग के लिए आरक्षित रखा था, महाजेनकों ने ग्रा.पं. की मंजूरी के बगैर अपने नाम कर लिए.

मुख्य अभियंता का वादा
सर्वे क्र. 23 के कुल 168.71 हेक्टेयर भूखंड में से सर्वे क्र. 23/2 के 4.66 हेक्टेयर भूखंड को छोड़ने के लिए महाजेनको तैयार हुआ है. शर्त यही है कि अगर इस भूखंड की ‘क’ प्रत निकालकर नगर पंचायत इस पर जिलाधिकारी का आदेश ले लेती है तो महाजेनको यह भूखंड नगर पंचायत के ताबे में दे देगा. महाजेनको के मुख्य अभियंता सीताराम जाधव ने बैठक में यह वादा किया. विधायक बावनकुले ने इसकी पुष्टि की है.

महाजेनको के अतिक्रमण से गांव में तनाव
विधायक बावनकुले ने यहां जारी एक ज्ञापन में कहा है कि नागपुर के जिलाधिकारी एक आदेश के तहत 28 जून 2004 को ही 4.66 हेक्टेयर का यह भूखंड सरकार के नाम कर चुके हैं. नगर पंचायत इस भूखंड के नापजोख के लिए 17 जून 2014 को तालुका भूमि अभिलेख निरीक्षक के पास आवश्यक रुपया जमा भी करा चुकी है. इसी के अनुसार 3 जुलाई 2014 को इस भूखंड का मापन भी हुआ है. लेकिन महाजेनको ने इस भूखंड पर जोरदार आपत्ति उठाई है. इतना ही नहीं, महाजेनको ने उसी दिन उक्त भूखंड पर स्थित अप्रोच गेट पर अतिक्रमण कर गेट ही बंद कर दिया. इससे गांव में तनाव की स्थिति बन गई.

गांव के लिए जगह नहीं छोड़ना अन्याय
ग्राम महादुला का बाजार बीच रास्ते में लगता है. राष्ट्रीय महामार्ग क्रमांक 69 पर रविवार को लगने वाले बाजार के कारण भीड़ बढ़ जाती है. अक्सर दुर्घटनाएं भी होती हैं. महादुला प्रकल्पबाधित गांव है. महाजेनको द्वारा गांव के लिए जगह नहीं छोड़ना उसके साथ अन्याय है. सवाल यह है कि 4.66 हेक्टेयर का यह भूखंड आखिर है किसका ? इसका जवाब उस ‘क’ प्रत में छिपा हुआ है, जिसे नगर पंचायत को पेश करना है.

Representational pic

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