Advertisement
१२२ वर्ष की महारोठ की परंपरा.
बुलढाणा- जीले के संग्रामपूर तहसील के पळशी – झाशी गाव मे महा शिवरात्री की तयारी पूर्ण हो गयी हे. २१ फरवरी से भागवत कथा से ईस उत्सव का प्रारंभ हुआ . गाव के शंकर गिरी महाराज संस्थान मे महारोठ की १२२ वर्ष प्राचीन प्रसाद की परंपरा का ईस उत्सव का बडा महत्व हे. आज रात ईस महारोठ तयार करणे की सुरवात होकर , दुसरे दिन (२८ फरवरी) को महाप्रसाद का भाविक भक्तो को वितरण किया जाता हे.
ईस १२२ वर्ष की महारोठ उत्सव की अपने- आप मे एक विशेष महत्व हे. गाव के लोगो के लीये यह हर साल महाशिवरात्री के पर्व यह उस्तव का दिन राहता हे. ईस उत्सव के लीये भाविक भक्त आज पळशी (झासी ) मे बडे संख्या मे ईखठा होते हे. आज दिन भर समुचे गाव मे शिव नाम का मंत्र सुनाई पडता हे.
:: अमोल सराफ ,बुलढाणा – खामगाव