Published On : Tue, Mar 4th, 2014

नवनियुक्त थानेदार के समक्ष कई चुनौतियां

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कोलमाफिया, गुंडागर्दीम अवैध व्यवसाय पर लगा पाएंगे अंकुश सांप्रदायिक सौहार्द निर्माण करने की कठिन परीक्षा 

घुग्घुस – घुग्घुस थाने के थानेदार अजित लकड़े का तबादला शिर्डी में होने के बाद यहां रिक्त थानेदार पद पर अमरावती से ट्रान्सफर होकर आए मनीष ठाकरे की नियुक्ती की गई है। अतिसंवेदनशील माने जानेवाले घुग्घुस में कानून और सुव्यवस्था स्थापित करने की नवनियुक्त थानेदार के समक्ष कड़ी चुनौती है। 

गौरतलब है की पिछले २ वर्षों में घुग्घुस शहर में गुंडागर्दी, कोल माफिया की सक्रियता काफी बढ़ी है, कोल माफिया के बीच वर्चस्व की लड़ाई को लेकर यह क्षेत्र काफी संवेदनशील  माना जाता है। असामाजिक तत्वो की बढ़ती गतिविधियों को अंकुश लगाने और परिसर में शांती और कानून व्यवस्था स्थापित करने में थानेदार अजित लकड़े को सम्पूर्ण रूप से सफलता नहीं मिल पायी थी। अब मनीष ठाकरे क्षेत्र की बागडोर संभालने के बाद कितने प्रभावी साबित होगे इस ओर सभी की निगाहें टिकी हुई है। 

मनीष ठाकरे इससे पूर्व घुग्घुस से सटे यवतमाल जिले के वणी तहसील के शिरपुल पुलिस थाने में वर्ष २००४ में कार्यरत थे। घुग्घुस और वणी क्षेत्र कोल माफिया का गढ़ माना जाता है। यहां सर्वाधिक कोयला खदानें होने से कोल माफिया की सक्रियता ने पुलिस प्रशासन के समक्ष से चुनौतीया पेश की है। कोयले के काले व्यापार में वर्चस्व की लड़ाई को लेकर कई बार तनावपूर्ण स्थितियां निर्माण हो जाती है।  इसी तरह अवैध व्यवसाय भी काफी फल फूल रहा है।  साथ ही घुग्घुस परिसर एक मिनी इंडिया के रूप में विज्ञात होने से यहां सभी धर्मों और सभी प्रांतों के लोगों की आबादी होने से लोगों में आपसी भाईचारा, सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने की चुनौतीयां भी नए थानेदार के समक्ष होगी।