यवतमाल(आर्णी/दिग्रस) – सरकार के कृषि विरोधी रवैये के कारण किसानो कि मुसीबते बढ़ी है। किसान आत्महत्या राष्ट्रीय संकट है और किसान आत्महत्या के लिए केंद्र सरकार कि नीतियां ही ज़िम्मेदार है ऐसा कहना है भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी का। किसान आत्महत्या को रोकने के लिए मोदी ने किसान मित्रों और एक स्थिर सरकार कि ज़रूरत बताई। नई तकनीक और पूरक व्यवसायों को खेती से जोड़ा जाए ऐसा अवाहन नरेंद्र मोदी ने किया।
नरेंद्र मोदी आर्णी तालुके के दाभाडी (बोरगाँव) में आयोजित “चाय पे चर्चा” कार्यक्रम के दौरान बोल रहे थे। “चाय पे चर्चा” कार्यक्रम से मोदी ने भाजपा के प्रचार अभियान का बिगुल फूँका।
इस मौके पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विधायक देवेन्द्र फड़नवीस, प्रवक्ता माधव भंडारी,विधायक विनोद तावड़े, सांसद भावना गवली, सांसद हंसराज अहीर, सांसद संजय राठोड,जिलाध्यक्ष राजेंद्र डांगे के साथ ही भारतीय जनता पार्टी, शिवसेना पदाधिकारी बड़ी संख्या में मौजूद थे। कार्यक्रम के दौरान मोदी ने देश के ३५ जिलो से आए किसानो से संवाद साधा और उनके प्रश्नो के उत्तर दिए। किसानों ने मोदी से ये पूछा कि भाजपा कि सरकार अगर केंद्र में आती है तो किसानो के लिए वो क्या करेगी ? इसपर मोदी ने सबसे पहले अपनी ख़ास शैली में कोंग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा कोंग्रेस कि तरह भावना रहित नहीं है और वो किसानो का दर्द समज़ति है। भाजपा किसानो कि तकलीफ को समझती है और केद्र में आने के बाद भाजपा किसानो के ज़ख्मो पर मरहम लगाएगी। मोदी ने कहा कि किसान अनाज उगाता है इसीलिएहम दो वक्त कि रोटी सुख से खा सकते है और भाजपा किसानो कि अहमियत समजती है।
दाभाडी के सरपंच ने मोदी से कपास उत्पादक किसानो को न्याय दिलाने के लिए भाजपा सरकार क्या करेगी ये पूछा, जिसके जवाब में मोदी ने कहा कि यहाँ के किसान कपास के अलावा सोयाबीन कि खेती भी कर सकते है। साथ ही ये भी कहा कि कपास आधारित उद्योगो को क्षेत्र में लाने के लिए प्रयासों कि ज़रूरत है।साथ ही नई तकनीक को खेती से जोड़कर किसानो का विकास किया जा सकता है ऐसा मोदी ने किसानो को सम्बोधित करते हुए कहा। किसानो को क़र्ज़ उपलब्ध करने का ज़िम्मा सरकार को ही लेना होगा और किसानो के उत्पादन को सही दाम दिलाने कि जवाबदारी भी सरकार कि ही है ऐसा मोदी ने कहा।
सिंचन, गोदाम और शीतगृह कि सुविधा किसानो को फ़ूड कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया कि सहायता से उपलब्ध कराई जा सकती है ऐसा मोदी ने अपने भाषण के दौरान कहा।