सही इलाज के अभाव में डॉक्टर के विरुद्ध नागरिकों का रोष
अस्पताल में हंगामा
तुमसर
सिहोरा के पास बिनाखी गांव की शारदा सेवानंद कटरे(20) को 21 अगस्त रात 8 बजे के करीब सांप ने कांट लिया. उपचार के लिए उसे तुमसर उपजिला अस्पताल में दाखिल किया गया. यहाँ बाकि नर्स अपने काम में व्यस्त थी. सीरियस पेशंट शारदा का इलाज वालदे नामक सिस्टर ने किया. शारदा के रिश्तेदारों को भी वार्ड में आने से मना कर दिया गया था और ताला लगा लिया गया. डॉक्टर को काफी समय बाद खबर दी गयी. नर्स और डॉ. रघगडाले की लापरवाही की वजह से शारदा कतरे की सही इलाज ना मिलने से मृत्यु हो गयी ऐसा आरोप परिजनों का है . परिजनों की माने तो डॉक्टर और नर्स ने शारदा के रिश्तेदरो को बताया की वह जिंदा है और उसे भंडारा लेकर जाओ. आखिर जब रिश्तेदार शारदा के पास गए तो देखा वह कुछ भी हलचल नहीं कर रही. उसकी मौत हो गयी ऐसा परिजनों को पता चला.
घटना से गुस्साए गांववासी अस्पताल में जमा हुए और डॉ. संध्या डांगे, डॉ.रघगडाले और नर्स वालदे को सस्पेंड करने की मांग कर नारेबाजी की . घटना की जानकारी मिलते ही पूर्व सांसद पटले, जिप उपाध्यक्ष रमेश पारधी, शेखर कोतपल्लीवार, महेश पतले ने आकर नागरिकों को शांत किया. जिला शल्य चिकिस्सक डॉ. देवेंद्र पातुरकर को फोन किया गया, उन्होंने स्थिति का जायज़ा लिया और सस्पेंड करने का अधिकार मेरे पास नहीं है लेकिन डॉक्टर और नर्स की रिपोर्ट तैयार करके वरिष्ठ अधिकारी के पास आज ही भेजा जाएगा ऐसा डॉ.देवेंद्र पातुरकर ने कहा. फिर भी नागरिक मानने को तैयार नहीं थे और उनको अभी के अभी सस्पेंड करो ऐसी मांग करते रहे.
परिस्थिति देखकर पुलिस को खबर दी गयी. पुलिस उपविभागीय अधिकारी आनंद मोहिते, पो.नि.किशोर गवई, पी.एस.आय जाधव ने घटना स्थल पर आकर नागरिकों को शांत कराया.
2 महीनों के लिए छुट्टी पर भेजेंगे और 3 दिन में सस्पेंशन का प्रस्ताव भेजा जायेगा- शल्य चिकिस्सक डॉ.देवेंद्र पातुरकर
आंदोलनकर्ता मानने को तैयार नहीं थे. भंडारा से आए शल्य चिकिस्सक डॉ. देवेंद्र पातुरकर ने डॉ. संध्या डांगे, डॉ. रघगडाले और नर्स वालदे को 2 महीनों के लिए छुट्टी पर भेजकर आनेवाले 3 दिनों में उनको सस्पेंड करने का प्रस्ताव भेंजा जायेंगा ऐसा बताया. तब जाकर आंदोलनकारी पोस्टमार्टम की गइ लाश को गावं ले जाने लिए तैयार हुए.
8 घंटे तक किया घेराव
8 घंटे तक डॉक्टर और अस्पताल का आंदोलनकर्ताओं ने घेराव किया और सस्पेंशन की मांग करते रहे. आखिर कार्रवाई का आश्वासन मिलने के बाद लोग शांत हुए.