मनपा में मार्डीकर ही रहेंगे गुट नेता, विवाद हुआ खत्म
अमरावती
अमरावती महानगरपालिका में गुट नेता पद को लेकर जारी विवाद हाई कोर्ट के फैसले के बाद थम गया है. अदालत के आदेश के बाद अविनाश मार्डीकर गुट नेता के पद पर कायम रहेंगे. इस फैसले से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को भारी झटका लगा है.
मार्डीकर ने सुनील काले के विरोध में हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया. इस फैसले को विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राष्ट्रवादी फ्रंट के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है. लोकसभा चुनाव में नवनीत राणा को राकांपा का टिकट दिए जाने के बाद मनपा में राष्ट्रवादी और राष्ट्रवादी फ्रंट के रूप में एक नया संघर्ष शुरू हो गया था. इसके बाद तत्कालीन राकांपा प्रदेशाध्यक्ष जितेंद्र आव्हाड ने सुनील काले को मनपा में गुट नेता नियुक्त करने की घोषणा की थी. इसके बाद ही मार्डीकर और काले के बीच विवाद सतह पर आ गया था. मामला अदालत तक पहुंच गया था.
मुंबई हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने शुक्रवार को मार्डीकर के पक्ष में फैसला सुनाते हुए कहा कि अविनाश मार्डीकर ही राष्ट्रवादी फ्रंट के गुट नेता रहेंगे. अदालत ने संख्या-बल को ध्यान में रखते हुए फैसला दिया है. राष्ट्रवादी फ्रंट के पास 16 सदस्य हैं तो राकांपा के पास केवल 7. मार्डीकर की ओर से अधि. प्रदीप महल्ले, अधि. अशोक जैन, अधि. बांगडे ने पैरवी की, जबकि सुनील काले की ओर से अधि. अविनाश घरडे ने पैरवी की.