Published On : Mon, Oct 22nd, 2018

डेढ़ वर्ष, आरोपी ने हवस का शिकार बनाया शादी का वादा याद दिलाने पर नागपुर के विम्स हॉस्पिटल में अबॉशन कराया

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पीड़िता ने आरोपी, उसके पिता जीजा के ख़िलाफ़ पुलिस में दर्ज कराई एफआयआर, आरोपी पुलिस ग़िरफ़्त से बाहर

नागपुर: शहर के सोनेगांव थाने में नागपुर के गोधनी ईलाके में रहने वाली 22 वर्षीय युवती ने 19 अक्टूबर 2018 को शादी का झांसा देकर संभोग करने और बाद में जबरन अबॉशन करवाने का मामला दर्ज कराया। आरोप चंद्रपुर निवासी और यही की जानीमानी शिक्षण संस्था महाराष्ट्र शिक्षण प्रसारक मंडल के उपाध्यक्ष पियूष पांडुरंग आंबटकर पर लगाया। अपने आरोप में पीड़िता ने बताया कि डेढ़ वर्ष पहले उसकी पियूष से पहचान हुई। धीरे-धीरे रिश्ता प्यार में बदला और इसके बाद उन दोनों के बीच शारीरिक संबंध स्थापित हुआ। पीड़िता के मुताबिक आरोपी ने उससे शादी का वादा कर शारीरिक संबंध बनाये थे। इस दौरान वो गर्भवती हो गई। यह बात पियूष को बताते हुए उसने उसे शादी का वादा याद दिलाया लेकिन वो मुकर गया। जिसके बाद उसने ये बात आरोपी के पिता पांडुरंग आंबटकर को बताई। पांडुरंग ने पीड़िता को मुआवजा देने की बात कहते हुए गर्भपात कराने की सलाह दी लेकिन पीड़िता नहीं मानी। इसके बाद पांडुरंग पीड़िता के माँ-बाप से मिलने उसके घर पहुँचे। उन्होंने रक्त जाँच का नमूना लेने के बहाने उसे शहर के जाने माने अस्पताल विम्स ले गए जहाँ उसका जबरन गर्भपात कराया गया। इसके बाद आरोपी और उसके परिजन उसे लगातार धमकी देने लगे। खुद को न्याय दिलाने के लिए पीड़िता आरोपी के चंद्रपुर स्थित घर पहुँची जहाँ उसे धमकी दी गई। यहाँ उसका संपर्क महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की महिला ईकाई से हुआ। इसके बाद शहर के सोनेगांव थाने में मामला दर्ज कराया गया।

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विडिओ – पीड़ित महिला बयान
चंद्रपुर में पीड़िता ने पत्र परिषद लेकर अपनी आप बीती सुनाई। जिसमे उसने इस काम में आरोपी के साथ उसके पिता,जीजा अमोल रघाटाटे और पुलिस के एक सेवानिवृत किशन पवार पर मामले में शामिल होने का आरोप लगाया। पीड़िता के शिकायत के आधार पर सोनेगांव पुलिस का एक दल आरोपियों की खोजबीन के लिए चंद्रपुर स्थित उनके आवास गया लेकिन पुलिस को आरोपी नहीं मिले। अब तक आरोपी फरार ही है। पीड़िता का कहना है कि आरोपियों की बात न मानाने की वजह से उसके माता पिता को जान से मारने की धमकी दी जा रही है। उसने पुलिस से अपने और अपनों के संरक्षण की माँग की है।

मामला अगर सच है तो अस्पतालों में शुरू है गैरकानूनी काम
इस मामले की फ़िलहाल पुलिस जाँच कर रही है। पर अगर यह मामला सच है तो इससे अस्पतालों की कार्यप्रणाली पर भी बड़ा सवालिया निशान लगता दिखाई दे रहा है। गर्भपात कानूनन अपराध है जिसके नियम के मुताबिक गर्भपात नहीं कराये जाने की सूचना देते हुए सभी निजी अस्पतालों में एक सूचना पट्टी लगाने कजा नियम है। ऐसी ही सूचना पट्टी विम्स अस्पताल में लगी है बावजूद इसके चंद पैसो की लालच में अस्पताल में यह गैरकानूनी काम किया गया।

अस्पताल की सफ़ाई नहीं किया कोई ग़ैरक़ानूनी काम
पीड़िता ने एलआयसी चौक स्थित विम्स हॉस्पिटल में उसका गर्भपात कराये जाने का दावा किया। पर अस्पताल द्वारा किसी भी तरह का ग़ैरकानूनी काम नहीं होने का दावा किया है। अस्पताल का कहना है की गर्भपात के लिए एमटीपीए एक्ट का उनके यहाँ कड़ाई से पालन किया जाता है। अस्पताल के डॉ विनय कालपांडे ने नागपुर टुडे को बताया कि क़ानूनी अड़चनो के कारण वह इस संबंध में अधिक बात भी नहीं कर सकते। लेकिन इतना जरूर आश्वस्त कर सकते है कि उनके यहाँ किसी तरह का गैरकानूनी काम नहीं किया जाता।

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