व्यापारियों ने की निंदा, बंद की दी चेतावनी
चिमूर
चिमूर के थानेदार सुधाकर आंबोरे द्वारा बिना किसी कारण के एक भाजी विक्रेता के साथ मारपीट करने की घटना से गांव के भाजी विक्रेताओं में रोष व्याप्त है. भाजी विक्रेताओं ने घटना की निंदा करते हुए स्टेडियम की तरफ से अस्थायी बायपास चालू करने की मांग की है, ताकि यातायात और भाजी विक्रेताओं को परेशानी का सामना न करना पड़े. भाजी विक्रेताओं ने कहा है कि इसके बाद अगर ऐसा अपमानजनक व्यवहार उनके साथ होता है तो वे भाजी बाजार ही बंद कर देंगे.
यातायात में बाधा के नाम पर मारपीट
भाजी विक्रेताओं का गुजरी पडाव नियमित रूप से रास्ते के दोनों तरफ लगता है, मगर चिमूर-वरोरा मुख्य रास्ते पर फोर लेन का काम चालू होने के कारण भाजी विक्रेताओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. विगत दिनों जब एक थोक भाजी विक्रेता चिल्लर विक्रेताओं को अपने चौपहिया वाहन से भाजी वितरित कर रहा था, तभी अचानक थानेदार वहां आ धमके और बिना किसी कारण के भाजी विक्रेता के साथ मारपीट करने लगे. कहा जाता है कि यातायात में बाधा के नाम पर मारपीट की गई.
जगह किसी की, वसूली करे कोई और
कहा तो यह भी जाता है कि पुलिस प्रशासन अवैध यातायात, अवैध देशी महुआ फूलों करने वाले व्यावसायियों को शह देता है और उन्हें नजरअंदाज किया जाता है. ग्राम पंचायत ने आज तक न तो बाजार और न ही गुजरी के लिए कोई स्थायी व्यवस्था की है. बाजार और गुजरी लगता तो लोकनिर्माण विभाग की जगह पर है, मगर उनसे विभिन्न राजस्व की वसूली ग्राम पंचायत करती है. भाजी विक्रेता संगठन के राजकुमार बदकी, रामभाऊ अगडे, नारायण लोथे, अनिल लोथे, देवराव लोथे, मंदा बनकर, इंदु देसाई, कांता रामटेके, सुरेखा मल्लेवार, सुभाष मेश्राम, विजय रामटेके, चंदू दिघोरे आदि ने घटना की निंदा की है.