Published On : Fri, Jul 25th, 2014

चिखली शहर पीलिया की चपेट में

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20-25 मरीज बढ़ रहे रोज, दूषित पानी पी रहा शहर


चिखली

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दूषित और अशुद्ध पानी के साथ ही बदलते मौसम ने चिखली का स्वास्थ्य भी बिगाड़ दिया है. पूरा चिखली शहर पीलिया की चपेट में है और शहर के निजी दवाखानों में प्रतिदिन 20 से 25 मरीज पीलिया की शिकायत के साथ पहुंच रहे हैं. पीलिया का कारण शहर को नलयोजना द्वारा हो रही दूषित जलापूर्ति को बताया जा रहा है. मरीजों की संख्या कम होने की बजाय दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही है. इस बीच, नागरिकों ने नवनिर्वाचित नगराध्यक्ष से पिछले 6 माह से ख़राब पड़े शहर के जलशुद्धिकरण केंद्र के सेटलिंग टैंक की मरम्मत करने की मांग की है.

जलजन्य बीमारियां थमने का नाम नहीं ले रहीं
शहर को पेनटाकली प्रकल्प से नलयोजना द्वारा जलापूर्ति की जाती है. एक लाख की आबादी वाले चिखली शहर को जिस जलशुद्धिकरण केंद्र से पानी मिलता है उसका सेटलिंग टैंक पिछले कई महीनों से ख़राब पड़ा है. परिणाम, पेनटाकली प्रकल्प से नलों की मार्फ़त जो पानी नागरिकों तक पहुंचता है वह दूषित और अशुद्ध होता है. इसी पानी के पीने से शहर जलजन्य बीमारियों की चपेट में आया है. जलजन्य बीमारियां थमने का नाम नहीं ले रही हैं. पीलिया जैसे संसर्गजन्य रोग के मरीज लगभग हर घर में पाए जा रहे हैं. पीलिया से शहर के दवाखाने भरे हुए हैं और मरीजों की संख्या दिन ब दिन बढ़ती ही जा रही है.

उम्मीदें टिकीं नई नगराध्यक्ष पर
नागरिकों की उम्मीदें अब नई नगराध्यक्ष पर आकर टिक गई हैं. पिछले 6 माह से ख़राब पड़े जलशुद्धिकरण केंद्र के सेटलिंग टैंक की मरम्मत की दिशा में ठोस कदम उठाने और शहर को बचाने की मांग नागरिकों ने की है, ताकि शहर को साफ पानी मिल सके.

चिखली शहर में पीलिया के 300 मरीज
डॉ. रामेश्वर दलवी ने बताया कि चिखली शहर में अब तक पीलिया के करीब 300 मरीज इलाज करवा रहे हैं. रोज नए 20-25 मरीज दवाखाना पहुंच जाते हैं. पीलिया बदलते मौसम और अशुद्ध पानी से होता है. उन्होंने नागरिकों से कहा कि वे अपने घरों के आसपास के क्षेत्र को साफ-सुथरा रखें. साथ ही जमीन के भीतर नलों के लिए बनाए गए गड्ढों को बंद कर दें, ताकि दूषित पानी नल के पानी के साथ मिल न पाए. डॉ. दलवी ने पीने का पानी उबालकर और ठंडा कर इस्तेमाल करने की सलाह भी नागरिकों को दी.