Published On : Tue, Mar 11th, 2014

चंद्रपुर: हायटेक प्रचार प्रणाली पर रहेगी चुनाव आयोग की नजर

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उमेदवारों को देनी होगी मेल, फेसबुक, सोशल मीडिया अकाउंट की जानकारी 

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चंद्रपुर चुनाव प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए इसके लिए चुनाव आयोग के द्वारा लगातार प्रयास हो रहा है। माहिती तंत्रज्ञान के युग में प्रचार के लिए हायटेक प्रणाली का इस्तेमाल पिछले वर्ष से शुरू हुआ । यह प्रणाली अब आदर्श आचारसंहिता के  कक्ष में आई है इस प्रणाली में पाहिली बार उमेदवारों को नामांकन आवेदन करते हुए ई-मेल, फेसबुक, सोशल मीडीया अकाउंट की जानकारी देनी होगी। विशेषतः इस अकाउंट पर कोई बात ‘ अपलोड ‘ करने के लिए चुनाव आयोग की अनुमती लेनी पडेगी। ऐसा माहिती जिल्हाधिकारी डॉ.दीपक म्हैसेकर ने सरकार के तरफ से पेड़ न्यूज़ के बारें में पत्रकारों के लिए आयोजित कार्यशाला में यहाँ के वीसकलमी सभागृह में दी।

इस दौरान अप्पर जिल्हाधिकारी सी. एस.  डहाळकर, उपजिल्हाधिकारी चुनाव दामोधर नान्हे व जिल्हा माहिती अधिकारी रवी गिते उपस्थित थे।

चुनाव के दौरान वृत्तपत्र तथा इलेक्ट्रॉनिक्स माध्यम में प्रकाशित होने वाली पेड न्यूज़ का खर्च उमेदवार के खाते में जमा होगा। इस पर नजर रखने के लिए समिती स्थापन की गई है। मतदारों को आकर्षित करने के लिए विविध माध्यम का इस्तेमाल पेड़ न्यूज़ द्वारा किया जाता है। लेकिन इसकी जानकारी चुनाव आयोग को नहीं दी जाती। कुछ साल पहले इस विषय पर सुप्रीम कोर्टने निर्देश देने से इस विषय को अब अमल में लाया जा रहा है। पेड़ न्यूज़ के लिए इसकी जानकारी उमेदवारों ने देनी व पत्रकारों ने वो न्यूज़ को अनिवार्य चौकट में प्रकाशित कर के यह न्यूज़ इश्तेहार है ऐसा उल्लेख करना आवश्यक है। यह चुनाव  के नियम के विरोध मे है।  इस पर प्रतिबंध करने के लिए आयोग ने सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश से मार्गदर्शक तत्व जाहिर की है। पेड न्यूज़ के लिए जिल्हास्तरीय मॉनिटरिंग समिती स्थापन की है ।

चुनाव आयोग ने दी हुई निर्देश के अनुसार पेड न्यूज़ प्रसिध्द होने के बाद ९६ घंटे में समिती के बारे में पक्ष अथवा उमेदवार को कारण दिखाव नोटिस बताएगी। उमेदवार ने ४८ घंटे के अंदर समिती को उत्तर देना होगा। ऐसा ना होने पर समिती वो खर्च उमेदवार के खाते में जमा करने की सिफारस चुनाव खर्च निरीक्षक के पास करेगा। इस निर्णय के विरोध में उमेदवार अथवा पक्ष राज्य समिती के पास अथवा चुनाव आयोग के पास मदद मांग सकते है। पेड़ न्यूज़ के बारे में बात करते समय जिल्हाधिकारी बोले,  एक ही प्रकार के वृत एक जैसी आकार व छायाचित्र के साथ अनेक वृत पत्र में प्रकाशित होने से वोह न्यूज़ पेड़ न्यूज़ मानी जायेगी।  कई बार इश्तेहार की बात खबर के रूप में प्रकाशित की जाती है। एसी बात को इश्तेहार शब्द के रूप में उल्लेख करना आवश्यक है। उमेदवारों के बारे में बढा चढ़ा कर बोलने पर अथवा उनको अमुक अमुक समाज समर्थन करता है ऐसे वृत, प्रचार में इस प्रकार के वृत प्रकाशित होने पर वो पेड़ न्यूज़ में जायेगी।

पेड़ न्यूज के बारे में समिती कार्रवाई करेगी। लेकिन जनता ने इस बारे में शिकायत करने से उस पर कार्रवाई समिती द्वार कि जायेगी ऐसा डॉ. म्हैसेकर ने बताया।

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