Published On : Mon, Sep 8th, 2014

चंद्रपुर : रास्ता बनाया किसी ने, वसूली कर रहा कोई और

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जाम-नागपुर रास्ते को लेकर विधायक फडणवीस का आरोप

बोरखेडी टोल नाका बंद करने की मांग, आंदोलन की चेतावनी

Vidhayak Fadanvisचंद्रपुर

जाम-नागपुर मार्ग स्थित बोरखेडी के पास राष्ट्रीय महामार्ग कंपनी का एक टोल वसूली नाका है. इस नाके पर एमएसआरडीसी की दर की तुलना में तिगुनी वसूली की जा रही है. विधायक शोभाताई फडणवीस ने इस नाके को अवैध बताते हुए इसे बंद करने की मांग की है. ऐसा नहीं होने पर आंदोलन छेड़ने की चेतावनी उन्होंने दी है. मजे की बात ये कि इस रास्ते का निर्माण राष्ट्रीय महामार्ग कंपनी ने नहीं, बल्कि लोकनिर्माण विभाग ने किया था. लोकनिर्माण विभाग इसकी लागत पेट्रोल और डीजल के साथ लगाए जाने वाले सेस के रूप में पहले से ही कर रहा है.

वाजपेयी के कार्यकाल में बना था रास्ता
विश्राम भवन में आयोजित पत्र परिषद में उन्होंने बताया कि इस टोल की वसूली अंततः आम जनता से ही की जाती है. टोल को रद्द करने की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि इस टोल की अवधि 27 साल है. राष्ट्रीय महामार्ग क्रमांक 7 मध्यप्रदेश के लखनादौन से नागपुर, जाम होते हुए सीधे कन्याकुमारी तक जाता है. इसी महामार्ग पर नागपुर (चिचभवन) से जाम तक फोर लेन का रास्ता तत्कालीन प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में बनाया गया था. एनएचएआय से मिले धन से लोकनिर्माण विभाग नागपुर ने 1999 से 2002 में बनाया. 2007 में जैन ठेकेदारों ने इस रास्ते की मरम्मत की थी. विधायक फडणवीस ने कहा कि इस तरह बोरखेडी टोल नाके का संबंध इस रास्ते से है ही नहीं. सवाल यह है कि जो रास्ता उन्होंने बनाया ही नहीं उसकी वसूली वे कैसे कर रहे हैं ?

कंपनी पर फौजदारी मामला
उन्होंने कहा, जब इस रास्ते का निर्माण कार्य चल रहा था, तभी इसके खर्च की वसूली के लिए पेट्रोल-डीजल पर प्रति लीटर एक रुपया सेस लगाया गया. डीजल पर सेस हाल में बंद कर दिया गया है. लेकिन, पेट्रोल पर तो सेस आज भी हम सब भर रहे हैं. विधायक फडणवीस ने कहा कि यह अवैध रूप से जनता से की जा रही लूट है और इसके लिए कंपनी पर फौजदारी मामला दर्ज किया जा सकता है.

विधायक फडणवीस ने साफ कहा, अगर यह टोल नाका बंद नहीं हुआ तो चंद्रपुर, हिंगणघाट और नागपुर के सभी संगठन और आम जनता द्वारा जबरदस्त आंदोलन छेड़ा जाएगा.