चंद्रपुर रहा सबसे गरम शहर
पुराने सारे रिकॉर्ड टूटने की आशंका
चंद्रपुर का नाम अब गर्मी की वजह से जाना जाने की उम्मीद है। बाघों की बढ़ी संख्या के लिए चर्चा में आए चंद्रपुर को लोग सबसे गरम शहर के रूप में भी जानेंगे। नवतपा के पहले दिन रविवार को चंद्रपुर का तापमान 46 डिग्री सेंटीग्रेट रहा जो देश से सबसे ज्यादा रहा। विदर्भ में ज्यादा औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण ग्रीन हाउस का प्रमाण बढ़ने की बात जानकार कर रहे है। पर्यावरण तज्ञ सुरेश चोपने ने इन सबके लिए प्रदुषण को जिम्मेदार बताया है। प्रदुषण के कारण ही अति ठंडी और बज़रिश और गर्मी का प्रमाण बढ़ा है।
चंद्रपुर सबसे प्रदूषित शहर होने की जानकारी सबसे पहले 2008 – 2009 में प्रकाशित की गई थी। यहाँ की ग्रीन प्लेनेट सोसाइटी की मांग के बाद केंद्र पर्यावरण समिति ने चंद्रपुर का अभ्यास कर इस शहर को प्रदुषण के मामले में चौथे नंबर पर रखा।
नवतपा के पहले दिन 46 डिग्री तापमान के साथ चंद्रपुर गर्मी में पहले स्थान पर रहा। दूसरे नंबर पर 45.6 डिग्री के साथ उड़ीसा राज्य का टिटलागड रहा। विदर्भ में नागपुर में 45 डिग्री, वर्धा 45.1 , अकोला 44.2 , अमरावती 436 , गोंदिया 44. 1 और यवतमाळ का तापमान 43 डिग्री सेंटीग्रेट रहा।
साल 2004 में चंद्रपुर का सर्वाधिक तापमान 48.6 डी से , 2007 में 49 डी से ,वहीँ 2013 में 48,2 डी से नवतपा के दरमियान दर्ज़ किया गया था।
ऐसे होता है ग्रीन हाउस का इफेक्ट
प्रदुषण हद से ज्यादा बढ़ने से इसका विपरीत प्रभाव पर्यावरण पर पड़ता है। हवा के धुल के कण और कार्बनडाईऑक्साइड, कार्बनमोनोऑक्सीडे, नाइट्रोजन ऑक्साइड इस तरह के गैसेस वायु आवरण का आकर लेते है। सूरज की गर्मी धरती पर पड़ती है और धरती उसे सोखती है। लेकिन जब वही उष्णता वापस जाना चाहती है तो ये आवरण ऐसा नहीं होने देता। इसे ही ग्रीन हाउस इफेक्ट कहते है
सुनसान हो गए रास्ते
नवतपा के पहले दिन सुबह से आग बरसने लगी। नागरिकों में तापमान को लेकर चर्चा थी। गर्मी के कारण रास्ते सुनसान थे। कूलर तक काम नहीं कर रहे थे। किस्मत से नवतपा के पहले दिन रविवार होने से लोगों को थोड़ी राहत मिली। लोग घर थे।