Published On : Sat, Mar 29th, 2014

गड़चिरोली में ११ प्रत्याशी चुनाव मैदान में

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निर्दलीय प्रत्याशियों ने लिए नामांकन पीछे 

pic-1गड़चिरोली.

गड़चिरोली-चिमुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र  के लिए १० अप्रैल को चुनाव होना है।  बुधवार को नामांकन पीछे लेने का आखरी  दिन था। २ निर्दलीय प्रत्याशियों ने अपने नामांकन पीछे लिए। निर्दलीय प्रत्याशी योगेश गोन्नाडे तथा एड. श्रीधर सिडाम ने अपने नामांकन पीछे लिए है।  बचे ११ प्रत्याशियों में कॉंग्रेस के नामदेव उसेंडी, भाजपा के अशोक नेते, आम आदमी पार्टी के अशोक गजबे,भाकपा के नामदेव कन्नाके, बसपा के रामदेव नन्नावरे, आम्बेडकर राईट पार्टी ऑफ़ इंडिया के देवराव नन्नावरे, आरपीआई के प्रभाकर दड़मल, सपा ने विनोद नन्नावरे, बहुजन मुक्ति पार्टी के दिवाकर पेंदाम, आल इंडिया तृणमुल कॉंग्रेस के सतीश पेंदाम तथा निर्दलीय बाबूराव दांडेकर का समावेश है।

कॉंग्रेस भाजपा को मिली राहत

आदिवासी विद्यार्थी संघ के श्रीधर सिडाम ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप मे नामांकन दाखिल किया था। सिडाम को अहेरी के विधायक दिपक आत्राम का समर्थन था जिसके कॉंग्रेस के वडेट्टीवार गुट से जुड़े होने से कॉंग्रेस को चुनाव में नुकसान होने होने की संभावना जताई जा रही थी। लेकिन सिडाम के नामांकन वापिस लेने से कॉंग्रेस ने राहत की साँस ली है। वहीँ निर्दलीय प्रत्याशी योगेश गोन्नाडे  ने भी नामांकन वापस लिया है जिससे भाजपा खेमे में ख़ुशी कि लहर फ़ैल गयी है। गोन्नाडे को युवाशक्ति के जिलाप्रमुख सुरेन्द्रसिंह चंदेल का समर्थन था। लेकिन युवाशक्ति के नेता बंटी भांगडिया के भाजपा को समर्थन देने से गोन्नाडे को नामांकन वापस लेना पड़ा।

वरिष्ट नेताओं ने किया बीचबचाव

स्थानीय स्तर पर चल रही गुटबाजी के चलते कॉंग्रेस व भाजपा प्रत्याशियो का सिरदर्द बढ़ गया था। कॉंग्रेस समर्थित विधायक दीपक आत्राम ने आविस कि ओर से श्रीधर सिडाम को प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतार था।  इससे कॉंग्रेस के प्रत्याशी नामदेव उसेंडी को ख़तरा महसूस हो रहा था।  मिली जानकारी के मुताबिक़ इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री पृथीराज चौहान व प्रदेश अध्यक्ष माणिकराव ठाकरे ने दीपक आत्राम से बात की तथा उन्हें उसेंडी को समर्थन देने के लिए मना  लिया। इसमें विजय वडेट्टीवार की भूमिका अहम् मानी जा रही है। उधर भाजपा नेता नितिन गडकरी ने भि भाजपा प्रत्याशी अशोक नेते के सामने चुनौती कड़ी करने वाली युवाशक्ति को अपने खेमे में शामिल कर लिया है।

गत चुनाव में ११, इस चुनाव में भी ११ 

इसे संयोग ही कह सकते है की, २००९ के लोकसभा चुनाव में गडचिरोली-चिमुर संसदीय क्षेत्र से ११ प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। और इस बार भी लोकसभा चुनाव में ११ प्रत्याशी चुनाव मैदान में है। गत चुनाव में कॉंग्रेस के प्रत्याशी मारोतराव कोवासे विजयी होकर इस क्षेत्र के पहले सांसद बने थे। उस समय भाजपा के प्रत्याशी अशोक नेते को हार का सामना करना पड़ा था। इस बार भी कॉंग्रेस और भाजपा में सीधी टक्कर दिखाई दे रही है। हालाकि बाकी प्रत्याशियों की झोली में जनता कितने वोट डालती है इसपर भी चुनाव का समीकरण टिका हुआ है।