गोंदिया
तहसील के ग्राम पिपरटोला निवासी अरुण दौलत मारगाये (21) नामक युवक की ग्रामीण अस्पताल सालेकसा में उपचार के दौरान मौत हो गई. यह घटना 10 मईकी शाम 6 बजे की है. उसकी मौत को चिकित्सक की लापरवाही बताते हुए परिजनों ने अस्पताल परिसर में अपना तीव्र रोष जताया और चिकित्सक पर कार्रवाईकी मांग को लेकर अड़ गए.
उनके इस कदम से परेशान अस्पताल प्रबंधन ने इस घटना से जिला अस्पताल के अधिकारियों को अवगत कराया. आखिरकार उनके इस आरोप की सुध लेते हुए केटीएस जिला अस्पताल गोंदिया के निवासी वैद्यकीय अधिकारी डॉ. अनिल परियाल सालेकसा पहुंचे और उन्होंने पीडि़त परिवारों की समस्याएं सुनी. डॉ. परियाल की उपस्थिति में केटीएस जिला अस्पताल से आए डॉ. बी.डी. जायसवाल और आमगांव के वैद्यकीय अधिकारी डॉ. उपाध्याय ने पोस्टमार्टम किया. इसकी वीडियोग्राफ्री भी की गई.
मृतक अरुण मारगाये को तबीयत बिगड.ने के बाद 7 मईको सालेकसा के ग्रामीण अस्पताल में उपचारार्थ भर्ती किया गया. उस समय डॉ. प्रमोद गवईड्यूटी पर उपस्थित थे. 10 मईको शाम 6 बजे उपचार के दौरान अरुण की मृत्यु हो गई. मरीजों के परिजनों का आरोप है कि 10 मईको अरुण की तबीयत अधिक बिगडी और योग्य ढंग से उपचार नहीं हो पाया, जिसकी वजह से अरूण मारगाये की मृत्यु हो गई. इस घटना के बाद शाम 6 बजे से 11 मईको सुबह तक परिजनों ने ग्रामीण अस्पताल से उक्त शव नहीं उठाया उनका कहना था, कि गोंदिया से किसी बडे. अधिकारी से उनकी बात कराई जाए. उनकी इस मांग को देखते हुए जिला अस्पताल से निवासी वैद्यकीय अधिकारी डॉ. अनिल परियाल सालेकसा पहुंचे. उन्होंने परिजनों से चर्चा की. इसके पश्चात मृतक के शव का पोस्टमार्टम किया जा सका. सालेकसा के ग्रामीण अस्पताल के डॉ. अमित ढोक से पूछने पर उन्होंने बताया कि अरुण मारगाये बुखार से पीडि़त थे और बार-बार शौच के लिए जा रहे थे.
इसी वजह से उन्हें अस्पताल में भर्तीकिया गया था. बहरहाल इस मामले को लेकर कांग्रेस के आदिवासी नेता डॉ. नामदेव किरसान, भाजपा के प्रांतीय सदस्य राकेश शर्मा और भाजपा आदिवासी मोर्चाके जिला महामंत्री मूलचंद गावराने ने इस मामले की जांच किए जाने और जांच में दोषी पाए जाने पर संबंधित चिकित्सक पर योग्य कार्रवाईकरने की मांग की है.