Published On : Fri, Aug 8th, 2014

गडचांदुर : तहसीलदार, थानेदार ने दिखाया कोर्ट के आदेश को ठेंगा

Advertisement


अदालत के आदेश के बावजूद हटा दिया अतिक्रमण


गडचांदुर

कोरपना में जिस अतिक्रमण को राजुरा के न्यायालय ने स्थगनादेश दिया था उसे ही ग्राम पंचायत ने तहसीलदार और थानेदार की मौजूदगी में हटा दिया.

अनुरोध को भी ठुकरा दिया
प्राप्त जानकारी के अनुसार बाजारवाडी के रास्ते के निकट ग्राम पंचायत के कमरों का निर्माण जारी है. उसी के सामने लकड़ी के ठेले पर मिन्नाथ धोंडू हंसकर की फोटो फ्रेमिंग और मूर्ति बनाने की दुकान है. मिन्नाथ 2003 से यहां पर अपना व्यवसाय कर रहे हैं. ग्राम पंचायत उनसे हर साल व्यवसाय कर भी लेती है. उनके पास इसकी रसीदें भी हैं. ठेले के पीछे स्थित कमरों में एक कमरा किराए पर देने की अपील भी उन्होंने व्यापारी एसोसिएशन की मार्फत की है. लेकिन मिन्नाथ की अपील पर कोई विचार किए बगैर कमरा दूसरे को दे दिया गया.

अदालत की शरण पहुंचे
ग्राम पंचायत इतने पर भी रुकी नहीं. 12 जून को मिन्नाथ को ठेले पर लगी दुकान को हटाने का नोटिस दे दिया. पेट पर लात पड़ने के कारण मिन्नाथ ने इधर-उधर हाथ-पैर मारे, मगर जब कोई विकल्प नहीं दिखा तो अदालत की शरण में चले गए. राजुरा न्यायालय ने अतिक्रमण हटाने के संबंध में 5 जुलाई को स्टे दिया. समझा जाता है कि तहसीलदार, थानेदार और ग्राम पंचायत कोरपना को भी स्टे का नोटिस दिया गया.

Gold Rate
10 july 2025
Gold 24 KT 97,000 /-
Gold 22 KT 90,200 /-
Silver/Kg 1,07,900/-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

मामला कोर्ट में होने के बावजूद कार्रवाई
तहसीलदार ने शिकायतकर्ता को बयान देने के लिए बुलाया. मगर 31 जुलाई को तहसीलदार ने मिन्नाथ को नोटिस थमा दिया-24 घंटे में दुकान हटाओ, अन्यथा दुकान हटाने की कार्रवाई की जाएगी और उसका सारा खर्च उसे उठाना होगा. मजे की बात यह कि आदेश मामले के कोर्ट में होने के बावजूद दिया गया. 2 अगस्त की दोपहर को तहसीलदार, थानेदार और ग्राम पंचायत के पदाधिकारियों की मौजूदगी में मिन्नाथ का लकड़ी का ठेला हटा दिया गया. मिन्नाथ ने दुकान और मूर्ति की तोड़फोड़ का आरोप लगाते हुए 2 लाख 35 हजार के नुकसान का दावा किया है और न्याय देने की मांग की है.

File pic

File pic

Advertisement
Advertisement