कम बारिश से दोबारा बुआई की नौबत, सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग
खामगांव
सिंदखेड़राजा तहसील के साखरखेर्डा और आसपास के परिसर में अब तक बहुत ही कम बारिश दर्ज की गई है. इससे गांव में दोबारा बुआई करने की नौबत आ गई है. परेशान किसान और मजदूर महिलाएं एवं युवक रोजगार की तलाश में गांव छोड़ पुणे, मुंबई जैसे बड़े शहरों का रुख कर रहे हैं.
तहसील कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष शिवदास रिढे ने सिंदखेड़राजा तहसील के इस इलाके को सूखाग्रस्त घोषित करने और दोबारा बुआई के लिए बीज और खाद उपलब्ध कराने की मांग की है.
दोहरे संकट में किसान
जून में दो-तीन बार तो अच्छी बारिश हुई, मगर उसके बाद बस सूखा-सूखा ही रहा. गांव में 15 जुलाई तक महज 220.5 मि. मी. बारिश दर्ज की गई. किसानों ने बैंक से कर्ज लेकर बुआई की थी, मगर अब दोबारा बुआई करने की आर्थिक क्षमता किसानों में नहीं बची है. इससे किसान दोहरे संकट में फंस गया है.
निजी साहूकारों तक किसानों की दौड़
तहसील के किनगांवराजा, दुसरबीड़ और मलकापुर पांग्रा में कुछ ठीक-ठाक बारिश हुई है, मगर साखरखेर्डा के हाल बुरे हैं. पहले बोए गए बीज खराब हो चुके हैं. इलाके के गुंज, वरोडी, गोरेगांव, उमनगांव, बालसमुद्र, सवडद, मोहाडी-शिंदी-पिंपलगांव एवं रताली के किसानों की फसलें बरबाद हो चुकी हैं. दोबारा बुआई के लिए किसान निजी साहूकारों तक दौड़ लगा रहे हैं.