मुंबई हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में अगली सुनवाई 14 अगस्त को
खामगांव
जिला परिषद में पिछले दो दिनों से जारी उच्च प्राथमिक शिक्षक समायोजन प्रक्रिया पर मुंबई हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने रोक लगा दी है. इस आदेश के चलते 7 अगस्त को होने वाली समायोजन प्रक्रिया रद्द कर दी गई. हाई कोर्ट के अंतिम आदेश के बाद बाकी की प्रक्रिया पर विचार किया जाएगा. महाराष्ट्र राज्य पदवीधर प्राथमिक शिक्षक व केंद्र प्रमुख सभा के अध्यक्ष टी. के. देशमुख और महासचिव रवींद्र नादरकर ने इस संबंध में हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. स्नातक शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में राज्य की
विभिन्न जिला परिषदों में जो अंतर था, उसे न्यायालय के समक्ष स्पष्ट किया गया. स्नातक शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में बीड, ठाणे, परभणी, वर्धा और गडचिरोली जिलों में बीएड और सेवा-वरिष्ठता, लातूर, नासिक, कोल्हापुर, उस्मानाबाद, नगर, सातारा, औरंगाबाद और पुणे में बीए व सेवा-वरिष्ठता जबकि भंडारा जिले में बीएङ पास जैसे अलग-अलग मानदंड थे. संगठन ने यह सब कोर्ट में स्पष्ट किया.
इसके साथ ही बुलढाणा जिला परिषद ने स्नातक शिक्षकों के समायोजन के लिए प्रकाशित सूची में व्याप्त अनियमितता, सरकारी निर्णय का अस्पष्ट आधार और आरटीई की धारा 23 (1) के अनुसार किया गया उल्लंघन पर संगठन के आपत्ति उठाई थी. उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ के न्यायाधीश भूषण गवई ने समायोजन प्रक्रिया पर रोक लगा दी.
सहायक शिक्षक वसीकउल्लाखान ने जिला परिषद प्रशासन की समायोजन प्रक्रिया के विरोध में विभागीय आयुक्त कार्यालय में अपील दाखिल की थी. इस अपील पर 14 अगस्त को सुनवाई होगी.
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