होम मिनिस्टर फेम आदेश बांदेकर से महिलाओं का सीधा संवाद
काटोल
काटोल नागरी महिला मंडल द्वारा रविवार 6 जुलाई को आयोजित ‘महिला जल्लोष सम्मेलन’ में पधारे होम मिनिस्टर फेम आदेश बांदेकर के साथ काटोल की महिलाओं ने सीधा और खुला संवाद किया. बांदेकर ने भी खूब खुलकर हर सवाल का जवाब दिया.
कुछ इस तरह हुआ सीधा संवाद.
सवाल– कैसा महसूस कर रहे हैं काटोल आकर?
जवाब – गर्मी है, मगर बहुत अच्छा लग रहा है.
सवाल– अब तक आपने सबसे कुछ सुनाने को कहा. आपसे यही सवाल किया जाए तो ?
जवाब – ‘होगी बरसात और चहुं ओर आएगी हरियाली
सुचित्रा के नाम से ही छाएगी सर्वत्र खुशहाली’
सुचित्रा उनकी पत्नी का नाम है.
सवाल– ‘खेल मांडियेला’ का विचार कैसे जन्मा ?
जवाब – ‘होम मिनिस्टर’ के बाद माना समाज के लोगों को ख़ुशी और आनंद देने की
दृष्टि से बस सब मिलकर खेल खेलने लगे.
सवाल– आप महाराष्ट्र भर में लगातार घूमते रहते हैं, वक्त कैसे निकाल लेते हैं ?
जवाब – देखिये, दूसरों के लिए जीने में बहुत आनंद का अनुभव मैंने किया है. एक कंपनी के डाइरेक्टर की कार चलाने से लेकर विभिन्न काम करते हुए आगे आया. बाद में पत्नी सुचित्रा ने उस वक्त जो सपने देखे थे उन्हें पूरा करने का समय अब आ गया है. अब यही जीवन का लक्ष्य है और यही जीवन का आनंद भी. बस, यही अपेक्षा है कि अंत तक सफर ऐसे ही सुख से कटता रहे.
सवाल– आप महाराष्ट्र में कहां-कहां जाते हैं. क्या गांवों में भी जाते हैं ?
जवाब – गिरणगांव जैसे छोटे से गांव में जन्मा. इसलिए गांवों के हालात को जानता हूं. शहर में मेरे कार्यक्रम खूब हो गए. ग्रामीण इलाकों में रायगढ़ जिले के गांवों में कार्यक्रम किया. अब ग्रामीण क्षेत्रों में मेरी कार्यक्रमों की मुहिम शुरू हो गई है.
सवाल – आपका निजी जीवन कैसा हैं?
जवाब – देखिये, मैं आज जो कुछ हूं अपने कार्यों के भरोसे ही हूं. बस अब तो यही लगता है कि मेरा परिवार खुश रहे, सुखी रहे.
सवाल– अपनी सफलता का श्रेय किसे देते हैं?
जवाब – मेरे माता-पिता को. उन्होंने मुझे अच्छे संस्कार दिए. मैंने उनका जतन किया. मेरी पत्नी सुचित्रा ने इन्हें और बढ़ाया ही है.
सवाल – सफलता कैसे पाई जा सकती है?
जवाब – किसी से स्पर्धा न करें. बस, कार्य करते रहें. उसी में संतोष करें. सफलता आपके पीछे खुद भागी चली आएगी.
सवाल– युवा पीढ़ी में प्रेम विवाह का चलन खूब बढ़ रहा है. क्या लगता है आपको?
जवाब – यंगिस्तान से बस यही कहना चाहता हूं – अच्छे काम करो और अपने गांव, देश का नाम रोशन करो.