Published On : Wed, Jun 18th, 2014

प्लास्टिक के राष्ट्रध्वज पर लग गई पाबंदी

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राज्य सरकार का आदेश जारी


उत्पादन, बिक्री तथा वितरण पर होगी कार्रवाई


काटोल

Plastic flag of india
गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कागजी व प्लास्टिक के राष्ट्रध्वज की बड़े पैमाने पर बिक्री होती है. परंतु कार्यक्रम के बाद राष्ट्रध्वज को रास्ते पर कहीं भी फेंक दिया जाता है. इससे राष्ट्रध्वज का अपमान होता है. इसी के चलते राज्य सरकार ने 14 जून को प्लास्टिक के राष्ट्रध्वज के निर्माण, बिक्री व वितरण पर पाबंदी लगा दी है.

प्रेम, निष्ठा और गर्व का प्रदर्शन
दरअसल, नागरिक राष्ट्रध्वज के प्रति अपना प्रेम, निष्ठा और गर्व प्रकट करने के लिए छोटे कागजी तथा प्लास्टिक के राष्ट्रध्वज का इस्तेमाल करते हैं. स्कूली बच्चे व छोटे बच्चोें के साथ अनेक व्यक्ति राष्ट्रभक्ति के साथ उत्साहपूर्वक राष्ट्रध्वज लेते हैं. लेकिन ध्वज उसी दिन शाम को तथा दूसरे दिन यहां-वहां डाल दिया जाता है. इस वजह से राष्ट्रध्वज का अपमान होता है. कुछ स्थानों पर विशेष कला, क्रीड़ा के अवसर पर भी इस ध्वज का इस्तेमाल किया जाता है.

राष्ट्रध्वज का आदर करना कर्तव्य
राष्ट्रध्वज का आदर करना प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है. राष्ट्रध्वज का अपमान बोध चिन्ह व नाम ( अनुचित इस्तेमाल ) अधिनियम 1940 व राष्ट्रीय प्रतिष्ठा अपमान प्रतिबंध अधिनियम 1971 के साथ ही ध्वज संहिता के प्रावधान के तहत दंडनीय अपराध है. राष्ट्रध्वज के लिए प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करने की दृष्टि से राज्य सरकार ने यह कदम उठाया है.

इस संबंध में प्रत्येक जिलाधिकारी कार्यालय द्वारा स्थानीय स्तर पर नागरिकों का आवाहन कर प्लास्टिक के ध्वज का इस्तेमाल करने से बचने की सलाह दी जाएगी. जिला, तालुका, ग्राम पंचायत स्तर पर, मंडल, महामंडल, स्थानीय स्वराज्य संस्था, शाला-महाविद्यालय, स्वास्थ्य संस्था, शासकीय व गैरशासकीय विभागों, स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा लोगों को जागरूक किया जाएगा और स्थानीय पुलिस स्टेशन की मार्फत कार्रवाई की जाएगी.