उमरखेड़ (यवतमाल)
प्रशासन और गणेश उत्सव कृति समिति के बीच मामला सुलझ जाने से आखिर 11 दिनों तक गणेशोत्सव पर शहर में शांति रही और गणेशजी का विसर्जन भी उत्साह और शांतिपूर्ण माहौल में संपन्न हो गया. पुलिस ने इस मौके पर भारी बंदोबस्त कर रखा था.
शहर में 56 गणेश मंडलों ने गणेशजी की स्थापना की थी. 29 अगस्त को गणपति स्थापना के दिन कुछ असामाजिक तत्वों ने गणेशजी की मूर्ति की तोड़फोड़ की थी, जिससे जबरदस्त पथराव हुआ था. एक-दूसरे के खिलाफ की गई शिकायत के बाद पुलिस ने मामला तो दर्ज किया था, मगर किसी की गिरफ्तारी नहीं होने के कारण शहर का माहौल तनावपूर्ण बना हुआ था. लगातार तीन दिनों तक बाजार बंद रहे थे. इससे शहर का आम जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया था. जिला प्रशासन और औदुंबर गणेश उत्सव कृति समिति के बीच समन्वय नहीं होने के कारण गणपति विसर्जन समय पर नहीं हो सका था.
शहर में गणेशोत्सव के दौरान शांति बनाए रखने में इलाके के विधायक संजय राठोड़, विधायक विजय खड़से, पूर्व सांसद सुभाष वानखेड़े, औदुंबर गणेश उत्सव कृति समिति के अधि. संजय जाधव, रमेश चव्हाण, नितिन भूतड़ा, डॉ. अजय नरवाडे, नितिन लोखंडे, व्यापारी संगठन के अध्यक्ष नारायण दास भट्टड़, पूर्व विधायक प्रकाश पाटिल देवसरकर, सुनील टाक, पप्पू जायस्वाल, राजू भैया जायस्वाल, सुरेश माहेश्वरी, नंदकिशोर अग्रवाल, महबूब जनाब, सैयद निसार, मजहर टेलर, साजिद जहांगीरदार, युसुफ सैयद आदि ने जिला प्रशासन के साथ सहयोग किया.
शहर में प्रतिष्ठित माने जाने वाल गणपति किसान, फ्रेंडस, मित्र और सुवर्णकार गणेश मंडल के विसर्जन जुलूस में शहर के सभी गणेश भक्त शामिल हुए. ढोल-ताशों की गूंज के बीच धार्मिक माहौल तथा उत्साह और शांतिपूर्ण वातावरण में विसर्जन जुलूस निकाला गया. गणेशजी का विसर्जन पैनगंगा नदी में किया गया.
इस अवसर पर जिलाधिकारी राहुल रंजन महिवाल, पुलिस अधीक्षक संजय दराडे, अति. पुलिस अधीक्षक जानकीराम डाखोरे, उपविभागीय अधिकारी दीपक सांगला, तहसीलदार सचिन शेजाल, उपविभागीय पुलिस अधिकारी डॉ. अश्विनी पाटिल सहित 5 पीआई, 50 अधिकारी, 400 कर्मचारी, दंगा नियंत्रण पथक, सीआरपीएफ, एसआरपीएफ, बम शोधक दस्ता तैनात किया गया था.