उमरखेड
साल 2013 – 2014 में प्रकृति ने किसानों पर कहर ढाया और अतिवृष्टि साथ ही ओलावृष्टि ने फसल को बर्बाद कर दिया. ज़मीन में बोए गए किसानों के हरे सपने बिखर गए. इस वजह से उपज 50 प्रतिशत से भी कम हुई है. किसानों की तरफ से भरपाई की मांग हो रही है. किसानों की हालत रोजमजदूरों से भी बद्तर हो गई है. किसानों की मांग है की इस साल खरीफ हंगाम की पूर्व तैयारी के लिए खाद और बीज खरीदने के लिए सरकार की ओर से उनके खातों में पैसे जमा कराए जाए. किसानों ने अपनी मांगों का निवेदन पंचायत के पूर्व उपसभापति तथा बाज़ार समिति के पूर्व संचालक शामराव पाटिल के माध्यम से राज्य के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण को भेजा.
बर्बाद हो चुके किसानों के पास अब खाद और बीज खरीदने के लिए भी पैसे नहीं है और किसानों को अस सरकारी मदत का ही सहारा है. अभी तक किसानों को सरकार की तरफ से अतिवृष्टि से बर्बाद फसल के लिए मुआवज़ा नहीं मिला है अगर सरकार अब बीज और खाद के लिए मदद नहीं करेगी तो किसानों के पास आत्महत्या के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा.