गैर आदिवासी विद्यार्थी उतरे सड़क पर, किया जोरदार प्रदर्शन
आरमोरी
गैर आदिवासी विद्यार्थियों ने आज दोपहर को नए बस स्टैंड के समक्ष चक्का जाम आंदोलन कर जोरदार प्रदर्शन किया. करीब एक घंटे तक चले आंदोलन से यातायात ठप्प पड़ गया था. गडचिरोली जिले के 1597 गांवों में से 1311 गांवों में तीसरी और चौथी श्रेणी की भर्ती में आदिवासियों को शत-प्रतिशत आरक्षण देने की अधिसूचना वापस लेने की मांग को लेकर आंदोलन किया गया. बाद में विद्यार्थियों ने नायब तहसीलदार को अपनी मांगों का एक ज्ञापन सौंपा.
गैर आदिवासी विद्यार्थी सरकारी सेवाओं से होंगे बाहर
विद्यार्थियों का कहना था कि इस आदेश से गैर आदिवासी विद्यार्थी सरकारी सेवाओं से पूरी तरह से बाहर हो जाएंगे. इस प्रमुख मांग के अलावा जिला चयन मंडल का गठन कर स्थानीय उम्मीदवारों के लिए ही शत-प्रतिशत आरक्षित करने, गडचिरोली जिले का ओबीसी आरक्षण 6 प्रतिशत की बजाय पहले की तरह 19 प्रतिशत करने, एससी-एनटी/ वीजे का आरक्षण पूर्ववत करने, जिलास्तर पर होनेवाली पुलिस भर्ती में स्थानीय उम्मीदवारों को शत-प्रतिशत प्राथमिकता देने, ओबीसी/एससी /एसबीसी विद्यार्थियों को व्यावसायिक पाठ्यक्रम के लिए शिक्षा-शुल्क पाठ्यक्रम की आय सीमा नॉन क्रीमीलेयर के मुताबिक 4.50 लाख से 6 लाख तक करने, जाति जनगणना 2011 के आंकड़े तत्काल जारी करने जैसी मांगे भी विद्यार्थियों ने की.
गिरफ़्तारी और रिहाई
ठानेगांव वैरागड़ फाटे पर किए गए चक्का जाम के बाद पंचायत समिति सदस्य सचिन महाजन, पुरुषोत्तम सोनटक्के, गंगाधर चिचघरे, भारत खोब्रागड़े, संतोष नैताम, केशव नैताम, बालानी इंगने, नागराज चापरे, बबन चापावे, अमोल उपरीधर आदि को गिरफ्तार कर बाद में रिहा कर दिया गया. चक्का जाम का नेतृत्व पंकज खरवड़े, नंदू नाकतोड़े, सूरज हेमके, सुनील नंदनवार, अमर खरवड़े, महेंद्र शेंडे, सुशील पोरेड्डीवार, गौरव खरवड़े, चंदू आदि ने किया.
चक्का जाम आंदोलन में आशीष नैताम, नितीश जोध, पंकज आखाड़े, नंदू खानदेशकर, अंकुश हेमके, योगेश देवीकार, पराग धकाते, अक्षय बेहरे, अमोल निखारे, सचिन बेहरे, मक़सूद शेख, विलास पारधी, किशोर जोंदोले सहित सैकड़ों विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया.