Published On : Tue, Mar 11th, 2014

अवसर बनाने पड़ते है और हमें कोशिश करनी चाहिए:प्रशांत मिश्र

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Aam Admi Party 6x4= 1 Star
नागपुर टुडे
गोंदिया-भंडारा लोकसभा क्षेत्र के आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार प्रशांत मिश्र ने नागपुर टुडे को दिए गए साक्षात्कार ने बताया कि उनका परिवार एक मध्यम वर्ग से आता है, वे तत्कालीन सी पी बरार के कांग्रेस नेता पंडित राधाकिशन मिश्र के नवासे है, राधाकिशन मिश्र वारासिवनी, बालाघाट, से लेकर तुमसर, भंडारा नागपुर तक सक्रिय थे, उनकी २ राईस मिले थी जो स्वतंत्रता संग्राम के कारण मिली जेल की भेंट चढ़ गई, उनकी बड़ी बेटी कुसुमलता कि शादी ग्राम मोहादि के मिश्र परिवार के बेटे श्यामसुंदर मिश्र से हुई जो पेशे से वकील थे, एक मध्यम वर्गीय परिवार में मेरा जन्म हुआ, बचपन से मैं पढ़ाई में अव्वल थे, मैं सरकारी स्कूल में पढ़े और अपनी इंजनीयरिंग की पढ़ाई गोंदिया से की, मुम्बई पुणे में संघर्ष करने के बाद हैदराबाद में कुछ दिन नौकरी की और अंततः अपने कठिन परिश्रम के बल पर माइक्रोसाफ्ट में नौकरी लेकर अमेरिका कूच कर गया और ये मज़बूरी में लिया गया कदम था. 
प्रशांत का कहना है कि भारत में पहले अवसर नहीं थे लेकिन अवसर बनाने पड़ते है और हमें कोशिश करनी चाहिए कि हम युवाओ को अवसर प्रदान करे, सिएटल में मैंने व्यवसाय की स्थापना की और कई हिन्दुस्थानियो को नौकरी भी मुहैया करवाई, लेकिन इतना काफी नहीं था, आये दिन अखबारो और इंटरनेट पर विदर्भ में किसानो की आत्महत्या, युवाओ में नशे की लत का मामला पढ़-सुन कर मैं परेशान हो जाता था और सोचते था कि कैसे अपने क्षेत्र में कुछ कर पाये जिससे युवा का विकास हो और लोग प्रगति करे. पिछले ३ वर्षो से प्रशांत भारत में रहकर अवसर तलाश कर रहे थे लेकिन लालफीता शाही और भ्रष्टाचार में उलझकर बार बार अमेरिका आते जाते रहते थे, उन्हें बार बार लगता था कोई न कोई विकल्प तो मिलेगा, और उन्होंने देखा कि उनके छेत्र के नेता चुने जाने के बाद मुम्बई या दिल्ली में अपना ठिकाना बना लेते है और जनता सिर्फ हताशा का सामना करती है, उन्हें आम आदमी पार्टी के रूप में आशा की किरण दिखी और आम आदमी पार्टी ने भी उनके जुझारू वयक्तित्व और देश के प्रति मोह देखकर उन्हें कद्दावर नेता के समक्ष अपना उम्मीदवार घोषित किया, आज मेरे विरोधी ये भी भ्रामक प्रचार कर रहे है कि चुनाव हरने के बाद मैं अमेरिका चले जायेंगे लेकिन वो ये भूल जाते है कि भ्रष्टाचार से परेशान जनता ने यदि उन्हें जिता दिया तो वो नेता जिनकी दुकाने चल रही है किधर जायेंगे? आम आदमी पार्टी ने कम से कम एक अच्छा काम किया है, धरतीपुत्र को टिकिट दी है जिसके परिवार के लोगो ने देश के लिए तन मन और धन सब लगाया है , प्रशांत को उम्मीद है जनता इस बात को समझेगी और उन्हें विजयी बनाएगी.
एक दूसरे पर इल्जाम , आरोप और तू-तू मै मै तो चलती आयी है और चलते चलेगी , तेरी कमीज से मेरी कमीज सफ़ेद कैसी बताने के चक्कर में कई वादे और होंगे , कई सभायें होंगी और एक बार फिर सपनो का भंडारा /गोंदिया आम जनता को चुनाव तक ही सही पर जरूर दिखाई देगा , और फिर चुनाव के बाद वोही जनता और वोही भंडारा /गोंदिया जो पिछले ५० सालों से होता आया है वोही होगा , फिर भी हम क्या करें हम अपनी मानसिकता से बाहर निकलते ही नहीं हम सोचना ही नहीं चाहते कि क्या और कोई विकल्प हो सकता है , क्या है जो इन परिस्थितियों को बदल सकता है , क्या है ऐसी कोई चीज ? जवाब है “हाँ” , हाँ परिवर्तन ऐसी चीज है जिसमे हर बात का जवाब है और हल है , हमे अपने राजनेताओं को ये अहसास दिलाना होगा कि सत्ता आपके घर कि जागीर नहीं है कि आप चुनाव के वक्त आयेंगे जो मन में आया बोलेंगे , पैसे और वादों को पानी कि तरह बहाकर अपना उल्लू सीधा कर लेंगे और जनता फिर उल्लू बनकर बैठी रहेगी , हमे इन घमंडी नेताओं को बताना पड़ेगा कि अगर आप काम नहीं करेंगे तो जनता आपको घर पर भी बिठा सकती है , भारत को आज़ाद हुए ५० साल से ज्यादा हो गया है और अब वक्त आ गया है कि अपने इन पुराने नेताओ को भी इनके काम से आज़ाद किया जाये और एक सच्चे और अच्छे आदमी को अपना वोट दिया जाए , इस बार वोट करें परिवर्तन के लिए , वोट करें प्रशांत जैसे लोगो के लिए जिन्होंने हिम्म्त तो कि मुश्किल ही सही आवाज़ तो उठायी जाये. .. 


“परिवर्तन के सायों में असली आज़ादी मिलती है , 

इतिहास उधर मुड़ जाता है जिस ओर जवानी चलती है “