शहर के पर्यावरण प्रेमी नाराज
अमरावती
विकास के नाम पर शहर के बजारों हरे -भरे पेड़ों की बलि चढ़ाई जा चुकी है. इसके कारण शहर के अनेक इलाके हरियाली से वंचित हो गए हैं. एक बार फिर शहर में विकास के नाम पर अनेक पुराने पेड़ों का कल्तेआम शुरू हो गया है. इससे शहर के पर्यावरण प्रेमी क्षुब्ध हो गए हैं.
पंचवटी से जिलाधिकारी कार्यालय की ओर जाने वाले मार्ग को इन दिनों चौड़ा किया जा रहा है. इस मार्ग पर पहले हरे -भरे पेड़ बहुत ज्यादा संख्या में हुआ करते थे. इन्हीं पेड़ों की छांव में ग्रीष्म के दिनों में राहगीर राहत पाते थे. लेकिन इन दिनों इस सड़क को चौड़ा करने के नाम पर खुलेआम पेड़ों का कत्लेआम किया जा रहा है.
स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों का मानना है कि विकास के लिए पेड़ों को काटना जरूरी हो गया है. इसके बदले दूसरे स्थान पर पौधारोपण करने की प्रशासन की योजना है.
उधर शहर के पर्यावरण प्रेमियों का कहना है कि इस तरह वर्षों पुराने पेड़ों को काटकर नए स्थानों पर पौधारोपण करने से उनकी क्षतिपूर्ति कैसे हो सकेगी. वर्षों लग जाएंगे नए रोपे गए पौधों को पेड़ का आकार लेने में. उनकी राय में शहर में विकास के नाम पर सिर्फ पेड़ों का कल्त बंद होना चाहिए. कोई विकास तभी विकासकहलाएगा, जब पेड़ों का संगक्षण करते हुए काम किए जाएं. इसके लिए जरूरी समुचित नियोजन किया जाना चाहिए. किंतु प्रशासन के अधिकारी ऐसा नियोजन करने के बजाय सीधे विकास के नाम पर पेड़ों की जान लेने पर ही आमादा हो रहे हैं.