3 लाख की रिश्वत की, की थी मांग
अमरावती
सीबीआई की विशेष न्यायाधीश व जिला सत्र न्यायाधीश (3) अंजू शेंडे की अदालत ने मंगलवार को एक महिला डॉक्टर रजनी पवार को 1 लाख रुपए की रिश्वत लेने के मामले में पांच साल कड़ी कैद की सजा सुनाई है.
रायली प्लॉट निवासी डॉ. अतुल पाटिल मानसोपचार विशेषज्ञ हैं. उसके अस्पताल में शेंदुरजनाघाट निवासी वैशाली दिगंबर वरुडकर नामक महिला का उपचार चल रहा था. 13 जून 2009 को वैशाली की हालत अधिक बिगड़ने के कारण उसके परिजनों ने उसे डॉ. पाटिल के अस्पताल में भर्ती किया था, लेकिन 18 जून 2009 को उसकी उपचार के दौरान मृत्यु हो गई. यह जानकारी डॉ. पाटिल ने कोतवाली पुलिस को दी. पुलिस ने वैशाली का शव जिला अस्पताल के पोस्टमार्टम गृह भेजा. तब महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. रजनी पवार वहां कार्यरत थी.
पोस्टमार्टम के बाद 20 जून 2009 को डॉ. रजनी पवार ने डॉ. अतुल के मोबाइल पर संपर्क किया और यह कहकर डराने की कोशिश की कि मृत वैशाली की मृत्यु संदेहास्पद है, तुम पर हत्या का मामला दर्ज हो सकता है. डॉ. पवार ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट बदलने के लिए उससे 3 लाख रुपए की रिश्वत की मांग की थी.