Published On : Fri, Jul 18th, 2014

अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के पूर्व सचिव पर चल रही आईबी इंक्वाइरी

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exposeनागपुर टुडे

अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के पूर्व सचिव, राज्य के पूर्व पशुपालन मंत्री, मध्य नागपुर के पूर्व विधायक, पिछले विधानसभा चुनाव में पश्चिम नागपुर से कांग्रेस के टिकट पर हारे कांग्रेस उम्मीदवार को इस बार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की टिकट मिलना मुश्किल नज़र आ रहा है इसलिए क्यूंकी उनके द्वारा की गई आर्थिक हेरा फेरी की सरकारी जाँच चल रही है और इसलिए कांग्रेस के शीर्ष नेता मध्य नागपुर से पर्याय उम्मीदवार की तलाश में है. कांग्रेस पहले ही घोषणा कर चुकी है की वह दागी इच्छुकों को कांग्रेस का टिकट नहीं देगी. इसी दागी उम्मीदवारों की सूचि में नागपुर जिले के एक और विधायक की भी टिकट कटने की उम्मीद है. बावजूद इसके अगर कांग्रेस ने दोनों को टिकट दिया तो कांग्रेस पर से बचा-खुचा विश्वास भी जनता-जनार्दन का ख़त्म हो जायेगा.

सूत्रों की माने तो जाँच के दौरान इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारी पदमनाभन नागपुर आए थे. उसने राज्य के कांग्रेसी मंत्री से मुलाकात की जो की उनके विरोधियो में गिने जाते है. उनसे उक्त अधिकारी ने उक्त कांग्रेसी नेता के सम्बन्ध में और अधिक जानकारियाँ मांगी तो उन्होंने कुछ जानकारी देने के साथ साथ तत्कालीन शहर कांग्रेस के अध्यक्ष को भी अपने घर पर बुलाकर उक्त जाँच अधिकारी को जानकारियां उपलब्ध करवाई साथ ही उक्त जाँच अधिकारी को मंत्री में कई विरोधियो के नाम-नंबर भी देकर जानकारिया संकलन करने का सुझाव दिया.

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पिछले विधानसभा चुनाव पूर्व आरएसएस ने भाजपा से किसी भी सूरत में मध्य नागपुर की सीट जीतकर अपने पक्ष में करने का दबाव बनाया था तो हमेशा से कांग्रेसी फैन भाजपा नेता ने मध्य नागपुर से उस वक्त के कांग्रेस के संभावित उम्मीदवार से साफ कह दिया था कि वह इस बार(पिछले विधानसभा चुनाव) कोई मदद नहीं कर पाएंगे. फिर इस संभावित कांग्रेसी उम्मीदवार ने चुनावी क्षेत्र बदल कर अपने पुराने विधानसभा क्षेत्र मध्य नागपुर से विधानसभा लड़ने की तैयारी दिल्ली में अहमद पटेल और नागपुर में एक प्रभावी भाजपा नेता के भरोसे कर रहे है. मध्य नागपुर से जब भी अनीस अहमद कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े हैं इस भाजपा नेता ने हरसंभव मदद कर विधायक बनवाया. जब अनीस ने मध्य नागपुर को छोड़ जार पश्चिम नागपुर से चुनाव लड़ा तो उक्त भाजपा नेता ने काफी मदद की लेकिन दलित और कुणबी वोट की एकजुटता और अपनी बदजुबानी की वजह से अनीस को हार का मुख देखना पड़ा था.

इस बार उक्त जुगाड़ू नेता के लिए भाजपा नेता कितना भी ताकत लगा ले हक़ीक़त तो यह है कि फ़िलहाल इस कांग्रेसी नेता पर इंटरनेशनल मनी ट्रांजेक्शन वह भी किसी ट्रस्ट के माध्यम से भारत में लाने का आरोप है. यह पैसा ‘सेवी’ के माध्यम से निवेश किया गया है. इसकी जानकारी इंटेलिजेंस ब्योरो को मिलते ही जाँच शुरू हो चुकी है. इसके अलावा जब वे AICC की ओर से हिमाचल प्रदेश के प्रभारी थे तो वहाँ पर कांग्रेसी नेता-कार्यकर्ता से अपने पांच सितारा होटल में आपत्तिजनक मांग करते थे. दोनों मामलों को राहुल गांधी के तक पहुंचाया गया जिसके कारण राहुल गांधी ने आननफानन में इस नेता से सभी जिम्मा छीन कर आम कार्यकर्ता बना दिया. समझा जाता है कि यह मुद्दा अभी ठंडा नहीं हुआ है. संभवतः इसी वजह से उनकी टिकट कट भी सकती है. इसलिए की कांग्रेस हमेशा से ही दागदार छबि वालो को टिकट देने में हिचकिचाती रही है.
विडम्बना यह है कि इस कांग्रेसी नेता को पुनः मध्य नागपुर से टिकट दिलवाने के लिए कांग्रेस अध्यक्षा के राजनैतिक सलाहकार जी जान लगाये हुए है. अब देखना यह है कि कांग्रेस पार्टी का दागी उम्मीदवारों के प्रति बारम्बार होती बयानबाजी पर कितना अमल होता है या फिर कांग्रेस की कथनी और करनी में अंतर है.

अपने-अपने तर्क लेकर समर्थक -प्रतिद्वंदी भिड़े
विगत माह मनपा के एक पूर्व स्थाई समिति अध्यक्ष के बड़े भाई के बच्चे की शादी की पार्टी कामठी रोड स्थित लाम्बा सेलिब्रेशन में थी. इस पार्टी में उक्त नेता के पूर्व सहयोगी कांग्रेसी नेता पांडे और उनके वर्तमान सहयोगी नेता अतुल भी मौजूद थे. अबतक दोनों (पांडे-अतुल) को शहरवासी पक्का दोस्त समझते रहे है.पांडे ने चर्चा के दौरान कहा की कुछ दिन पहले उक्त विवादस्पद नेता उनके घर गए और कहा कि मध्य नागपुर से पुनः चुनाव लड़ने वाले है इसलिए चुनाव में मदद करे यह सुन पांडे तिलमिला कर कह दिए की वे भी चुनाव लड़ने वाले है फिर काहेका समर्थन।यह सुन उक्त विवादस्पद नेता उलटे पाव लौट गए. इसके बाद अतुल ने उक्त विवादस्पद नेता के समर्थन में कई बात कह माहौल गरमा दिया और अतुल-पांडे लाम्बा सेलिब्रेशन में ही शाब्दिक रूप से भीड़ गए. जैसे तैसे बीचबचाव के बाद दोनों को दूर किया गया.

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