Published On : Wed, Apr 30th, 2014

अकोला : निजी अस्पताल से सप्लाई की जा रही थीं दवाएं

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अकोला

डॉ. राजेंद्र बी. डाबरे के अस्पताल से सप्लाई की जा रहीं दवाइयां अकोला प्रधान डाकघर में जब्त की गईं.

डॉ. राजेंद्र बी. डाबरे के अस्पताल से सप्लाई की जा रहीं दवाइयां अकोला प्रधान डाकघर में जब्त की गईं.

यहां गौरक्षण रोड स्थित पूजा कॉम्प्लेक्स के समीप सिलिकॉन टॉवर में डॉ. राजेंद्र बी. डाबरे के अस्पताल से डॉ. डाबरे की हस्ताक्षर वाली 600 पैकेटों में बंद प्रधान डाकघर से भेजी जा रहीं दवाइयां सोमवार को जब्त की गईं. इन्हें लेकर प्रधान डाकघर आए डॉ. डाबरे के कर्मचारी किशोर आगरकर (रेणुका नगर, डाबकी रोड), दिगांबर रामदास शिंदे (उमरा) से सभी लिफाफे अन्न एवं औषधि प्रशासन के अधिकारियों ने जब्त कर लिए. उक्त लिफाफों में एक आयुर्वेदिक पाउडर का पैकेट तथा पीले एवं लाल रंग की एलोपैथी की दवा थी. दवाइयों पर बैच क्रमांक, लाइसेंस क्रमांक, उत्पादक का नाम, एक्सपायरी डेट एवं अन्य कोई जानकारी अंकित नहीं थी.

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना एवं मनविसे के पदाधिकारियों ने अन्न एवं औषधि प्रशासन के अधिकारियों को इसकी जानकारी दी थी. उनकी शिकायत पर अधिकारियों ने डाकघर पहुंच कर यह दवाइयां पकड़ी और डॉ. डाबरे पर कार्रवाई की.

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जांच में पता चला कि स्थानीय पंचायत समिति के पास स्थित जिस रवींद्र फार्मा की लायसेंस रद्द कर दी गई थी, उसी दुकान से इन दवाइयों की खरीददारी की गई थी. यह बात स्वयं डॉ. डाबरे ने अन्न एवं औषधि प्रशासन के अधिकारियों के समक्ष स्वीकार किया.

पता चला कि एलोपैथिक दवाइयां बेचने का अधिकार नहीं होने के बावजूद उक्त डॉक्टर राज्य भर में दवाइयां बेच रहा था. जिस कारण उसके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग इस अवसर पर मनविसे के पदाधिकारियों द्वारा की गई थी. जब्त किए गए जखीरे के मालिक डॉ. डाबरे एवं दवाइयों को डाकघर में पहुंचाने वाले लोगों पर अन्न एवं औषधि प्रशासन के अधिकारियों ने पुलिस थाने में अन्न एवं औषधि कानूनों के तहत दर्ज करा दी है.

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