किसान परेशान, मगर प्रशासन को फिक्र नहीं
वेलतूर
कुही तालुका के मौजा हरदोली (नाईक), म्हससी, बोरी (नाईक), नवेगांव, आवरमारा आदि गांवों के ओलाग्रस्त किसानों को अब तक मुआवजा नहीं मिलने से ग्रामीणों में प्रशासन को लेकर असंतोष व्याप्त है. किसान महीनों से मुआवजे का इंतजार कर रहे हैं.
पटवारी की गलती का भुगत रहे खामियाजा
पिछले साल अतिवृष्टि के कारण सोयाबीन की दोबारा-तिबारा बुआई के बावजूद फसल बरबाद हो गई थी. इससे किसानों को खरीफ की फसल से हाथ धोना पड़ा था. उसके बाद इधर-उधर से जुगाड़ कर रबी के मौसम में किसानों ने गेहूं और चना की बुआई की. लेकिन, एक बार फिर मौसम ने साथ नहीं दिया और भारी ओलावृष्टि ने फसलों को तहस-नहस कर दिया. किसान फिर कर्ज के बोझ में दब गया. सरकार ने मदद भी घोषित की. दो हेक्टेयर यानी 5 एकड़ तक के नुकसान पर मुआवजा दिया जाना था. मगर पटवारी ने केवल उन्हीं लोगों की सूची बनाई जिनका 5 एकड़ से कम का नुकसान हुआ था. उन किसानों का नाम सूची में दर्ज ही नहीं किया जिनका 5 एकड़ से अधिक का नुकसान हुआ था. लाभ से वंचित किसानों की संख्या 227 है और सब पटवारी की गलती का खामियाजा भुगत रहे हैं.
तहसीलदार तथा जिलाधीश को ज्ञापन सौंपा
इस संबंध में हरदोली (नाईक) ग्राम पंचायत के सरपंच और सदस्यों ने तहसीलदार तथा जिलाधीश को ज्ञापन देकर लाभ से वंचित लोगों को लाभार्थियों की सूची में शामिल करने का अनुरोध किया है. लेकिन अब तक इस संबंध में कुछ नहीं हो पाया है. किसानों ने इस मामले में दोषी लोगों पर कार्रवाई करने और मुआवजा देने की मांग की है.

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