गोंदिया के निकट हुआ हादसा
गोंदिया
बालाघाट मुख्यालय से लगे गर्रा रेलवे स्टेशन के पास एक डेमो ट्रेन और एक ट्रैक्टर के बीच हुई जबरदस्त भिड़ंत में ट्रैक्टर के परखच्चे उड़ गए. यह घटना आज दोपहर 12 बजे उस समय हुई जब ट्रैक्टर रेत भरकर रेलवे क्रासिंग पार कर रहा था, तभी ट्रैक्टर क्रासिंग में जाकर बंद हो गया. ट्रेन कटंगी से बालाघाट होते हुए गोदिया जा रही थी. इस दर्दनाक हादसे में ट्रैक्टर चालक की अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई. गनीमत है कि बड़ा हादसा टल गया. घटना के बाद करीब 3 घंटे तक ट्रेन घटनास्थल पर ही खड़ी रही.
ट्रॉली के चेचिस के हुए कई टुकड़े
प्राप्त जानकारी के अनुसार ट्रैक्टर में रेलवे स्टेशन से करीब स्थित नदी से रेत भरकर लाई जा रही थी. ट्रैक्टर चालक द्वारा करीब ही आ रही ट्रेन से पूर्व ट्रैक्टर को रेलवे क्रासिंग से पार कराने के चक्कर में यह दर्दनाक हादसा हो गया. ग्राम गर्रा के एक प्रत्यक्षदर्षी संतोष ठाकरे ने बताया कि ट्रेन और ट्रैक्टर के बीच टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि ट्रैक्टर की ट्रॉली चेचिस से उखड़कर रेलवे क्रासिंग पर ही गिर गई. ट्रेन की टक्कर से इंजन और ट्रॉली के चेचिस के कई टुकड़े हो गए. कुछ हिस्सा ट्रेन के इंजन में दबकर 200 मीटर तक घसीटता हुआ गया. इसके चलते ट्रैक्टर चालक गंभीर रूप से घायल हो गया था. वहीं ट्रैक्टर ट्रॉली में सवार 3 में से 2 मजदूर भी इस घटना में घायल हुए हैं.
हो सकता था बड़ा हादसा
इसी ट्रेन से यात्रा कर रहे रविकांत नगपुरे ने बताया कि इस घटना से ट्रेन में सवार सैकडों यात्री भी काफी घबरा गए थे, लेकिन हादसे के बाद अपने आप को सुरक्षित पाते हुए यात्रियों ने राहत की सांस ली. यात्रियों ने माना कि यदि इस हादसे में ट्रेन का पहिया नीचे उतर जाता या ट्रेन पलट जाती तो बड़ा हादसा हो सकता था.
ट्रेन को हुई क्षति का आकलन जारी
दुर्घटना के बाद रेलवे अधिकारी मौके पर पहुंचे और राहत कार्य प्रारंभ किया गया.
नैनपुर के रेलवे वाणिज्य अधिकारी एस.के. लतीफ ने बताया कि अधिकारियों द्वारा दुर्घटना के कारण और ट्रेन को हुई क्षति का आकलन किया जा रहा है. आगे की कार्रवाई की दिशा इसके बाद ही तय की जाएगी.
पहली घटना नहीं
ग्रामीण अंचलों में स्थित बिना अवरोधक के रेलवे क्रासिंग पर इस तरह की ट्रेन दुर्घटना कोई पहली घटना नहीं है. इससे पहले भी बालाघाट जिले में रेलवे क्रासिंग के पास दर्दनाक हादसे हो चुके हैं. न तो रेलवे प्रशासन इन घटनाओं को टालने के लिए छोटे रेलवे क्रासिंगों पर सुरक्षा के इंतजाम कर पा रही है और न ही जल्दबाजी के चक्कर में दुर्घटना को टालने के लिए वाहन चालक संयम बरतते हैं.