Published On : Mon, Oct 24th, 2016

बैठक में बोले मुलायम सिंह यादव- जो आलोचना नहीं सुन सकता, वो नेता नहीं बन सकता

Advertisement

disquiet-in-samajvadi-party-and-the-yadav-family-802-x-460समाजवादी पार्टी और कुनबे में सबसे बड़ी तकरार के बीच लखनऊ में पार्टी की बैठक शुरू हो चुकी है. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बैठक में कहा, ‘मेरे पिता मेरे लिए गुरु हैं. नेताजी ने मुझे अन्याय से लड़ना सिखाया. मैं अलग पार्टी क्यों बनाऊंगा. कई लोग गलतफहमी पैदा कर रहे हैं.’ अख‍िलेश बोलते-बोलते रो पड़े. उन्होंने कहा कि मैं नेताजी के आशीर्वाद से मुख्यमंत्री बना.

अखिलेश यादव ने कहा कि अगर नेताजी के खिलाफ साजिश होगी तो मैं कार्रवाई करूंगा. रामगोपाल यादव ने कभी किसी को हटाने के लिए नहीं बोला. मैंने हमेशा पार्टी को आगे बढ़ान का काम किया. अगर मैंने कोई सीमा लांघी है तो माफ करना. अखिलेश ने स्पष्ट किया कि टिकट का बंटवारा वो ही करेंगे.

अखिलेश पर आरोप लगाते हुए शिवपाल ने कहा कि अखिलेश अलग पार्टी बनाना चाहते थे. ये बात मैं अपने बेटे की कसम खाकर कहता हूं. मैं गंगा जल हाथ में लेने को तैयार हूं. अखिलेश ने दूसरी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ने को कहा. पार्टी में रामगोपाल यादव की दलाली नहीं चलेगी. अमर सिंह का पक्ष लेते हुए शिवपाल ने कहा कि 2003 में अमर सिंह की मदद से सरकार बनी थी. सपा में वहीं लोग रहेंगे, जो ईमानदार हैं. मुख्तार अंसारी का नाम लेकर मुझे बदनाम किया गया. शिवपाल ने कहा कि यूपी का नेतृत्व नेताजी संभालें. मुझे पार्टी चलाने की छूट मिले.

Gold Rate
08 july 2025
Gold 24 KT 97,500 /-
Gold 22 KT 90,700/-
Silver/Kg 1,08,700/-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

वहीं शिवपाल यादव ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो हम लोगों को पार्टी से निकालेंगे. नेताजी ने पार्टी को खड़ा करने में काफी संघर्ष किया. आज जहां पार्टी खड़ी है, वो सिर्फ नेताजी की वजह से है. मैंने भी पार्टी के लिए बहुत योगदान दिया है. अनुशासनहीनत बर्दाश्त नहीं की जाएगी. 1972 में हमने पार्टी बनाई. गांवों में साइकिल से प्रचार करते थे. हमने साथ में जेल में समय बिताया. पूरे राज्य में हम साइकिल से घूमे.

रविवार का दिन समाजवादी पार्टी के लिए भारी उठापटक और हंगामे से भरा रहा. एक के बाद एक बड़े फैसले लिए गए. बर्खास्तगी और निष्कासन का दौर चला. अब सोमवार का दिन भी हंगामेदार रहने के पूरे आसार. रविवार के दिन चुप्पी साधे रहे सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने सोमवार को बड़ी बैठक बुलाई है. बैठक से पहले शिवपाल यादव मुलायम सिंह के आवास पर पहुंचे और उसके बाद पार्टी ऑफिस पहुंच गए.

सूत्रों की मानें तो अखिलेश यादव को पार्टी से बाहर किया जा सकता है. रविवार को पार्टी से निकाले गए रामगोपाल यादव ने ‘आज तक’ से कहा कि अखिलेश अपने आप में एक पार्टी हैं.

बैठक से पहले शिवपाल और अखिलेश के समर्थन पार्टी दफ्तर पर इकट्ठे हो रहे हैं. दोनों तरफ के समर्थक जमकर नारेबाजी कर रहे हैं. इस दौरान हंगामे की भी खबरें हैं. इस दौरान शिवपाल का पोस्टर दिखा रहे शख्स को अखिलेश समर्थकों ने पीटा.

‘कीमत चुकाएगी पार्टी’
इस पूरे घटनाक्रम पर पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल ने कहा कि जो भी हो रहा है, पार्टी को उसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी. रामगोपाल को हटाना दुर्भाग्यपूर्ण हैं. वो बीजेपी से नहीं मिल सकते. नेताजी और मुख्यमंत्री को बैठकर इस पर समाधान निकालना चाहिए. कुछ बाहरी लोग पार्टी और परिवार में आग लगाने का काम कर रहे हैं. हर कोई जानता है कि ये कौन कर रहा है. हम पार्टी और परिवार को एक साथ करने की कोशिश करेंगे.

चुप्पी तोडेंगे मुलायम
रविवार को हुई बैठक के बारे में मुलायम सिंह ने कोई जानकारी देने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि आज कुछ नहीं कहूंगा, कल बैठक के बाद बोलूंगा, जो पूछना है पूछ लेना. यानी सोमवार को मुलायम पूरे मामले पर अपना बयान दे सकते हैं. इस अहम बैठक में सभी मंत्री, विधायक, सांसद, एमएलसी शामिल होंगे. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी इस बैठक का हिस्सा होंगे.

पार्टी के हालात पर भावुक हुए मुलायम
सपा में मची घमासान पर मुलायम सिंह यादव ने चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने पार्टी के मौजूदा हालात पर भावुक होते हुए चिंता जताई. नाराजगी जाहिर करते हुए मुलायम ने कहा कि जब मैं रामगोपाल से मिलना चाह रहा था तो वो वक्त देकर कहीं और चले गए. अपने आवास पर हुई इस बैठक में अखिलेश द्वारा निकाले गए लोगों को देखकर मुलायम ने मजाक में कहा कि क्या ये शहीदों की बैठक हो गई?

रामगोपाल को पार्टी से निकाला
रविवार को मुलायम सिंह यादव के एक भाई ने दूसरे भाई को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है. पार्टी अध्यक्ष शिवपाल यादव ने रामगोपाल यादव पर तमाम पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाते हुए पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है. साथ ही उन्हें पार्टी के सभी पदों से भी हटा दिया गया है. वहीं सूत्रों की मानें तो रामगोपाल पर कार्रवाई से सीएम अखिलेश यादव और नाराज हो गए हैं और वो लगातार रामगोपाल के संपर्क में हैं.

Advertisement
Advertisement