Published On : Sat, Jun 7th, 2014

ब्रह्मपुरी : काली रिबन लगा कर डॉक्टरों ने किया काम

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किया सरकार के फैसले का विरोध

प्रस्ताव पास न करने की मांग

ब्रह्मपुरी 

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राज्य सरकार ने चिकित्सा क्षेत्र में अन्य पैथियों में डिग्री लेने वाले डॉक्टरों को एक वर्ष का कोर्स करने के बाद उन्हें एलोपैथी में काम करने का अधिकार देने का निर्णय लिया है, जिसका बिल वह विधानसभा में लाने जा रही है.

सरकार के इस फैसले का इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा विरोध किया जा रहा है. आज चंद्रपुर के डॉक्टरों ने काली रिबन लगाकर इसका निषेध किया और एक प्रतिनिधिमंडल जिलाधिकारी डॉ. दीपक म्हैसेकर से मिला तथा उन्हें अपनी मांग का ज्ञापन सौंपा.

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजे निवेदन में कहा कि भारत के किसी राज्य में इस तरह की अनुमति अन्य पैथी के डॉक्टरों को नहीं दी गई है.

महाराष्ट्र जैसे प्रगत व शिक्षित राज्य में इस निर्णय को लागू करना सरकार की बुद्धि के दिवालिएपन का लक्षण है. यह अन्यायकारी, जनविरोध निर्णय अवैध व्यवसाय को कानूनी सुरंक्षा प्रदान करने जैसा है. सर्वोच्च न्यायालय, मेडिकल कौन्सिल ऑफ इंडिया व सेंट्रल कौन्सिल ऑफ होमियोपैथी मेडिकल जैसी सर्वोच्च संस्थाओं ने भी इसका विरोध किया है. ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा की प्राथमिक जरूरतों को पूरा करके आधुनिक सेवा उपलब्ध कराने के बजाय मंत्रिमंडल द्वारा यह निर्णय लिया जाना जनता को गुमराह करके उनके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड. करने जैसा है. आईएमए ने इसके विरोध में उच्च न्यायालय में जाने की चेतावनी भी सरकार को दिय है.

इस प्रतिनिधिमंडल में आईाएमए के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. मंगेश गुलवाडे., जिला अध्यक्ष डॉ. मंगेश टिपणीस, सचिव डॉ. विश्‍वास झाले, कोषाध्यक्ष डॉ. मुरली नायडू के साथ ही डॉ. संजय घाटे, डॉ. प्रमोद बांगडे, डॉ. दीपक निलावार डॉ. अशोक बुकटे आदि का समावेश था.

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