बर्खास्त पदाधिकारी उत्तम शेवड़े का संगीन आरोप
नागपुर: विगत दिनों बसपा के वरिष्ठ पदाधिकारी उत्तम शेवड़े को प्रदेश बसपा ने निलंबित कर दिया। इसके बाद शेवड़े ने बसपा के तथाकथित नेता संदीप ताजने और स्थानीय नेता नागोराव जयकर पर संगीन आरोप लगाया कि उनके बसपा विरोधी कृत को सार्वजानिक करने पर उन्होंने बदले की भावना से उन्हें निलंबित किया।
शेवड़े ने बताया कि हाल ही में राज्य में जिला परिषदों के चुनाव संपन्न हुए.इन चुनावों में बसपा के उम्मीदवार न उतारने से कांग्रेस-एनसीपी को बड़ा फायदा कर भाजपा को नुकसान हुआ.इस मसले को सार्वजानिक करने से ताजने-जयकर का षड्यंत्र सार्वजानिक हो गया.ताजने-जयकर ने मामला दबाने के लिए मुझ पर दबाव बनाये लेकिन जब बात नहीं बनी तो मुझे निलंबित कर दिया गया.
शेवड़े ने जयकर के निजी जिंदगी पर अनेक मामले सार्वजानिक करते हुए आरोप मढ़े.जयकर से संबंधी कुछ मामलों की जाँच भी शुरू होने का दावा किया गया.लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा से बड़ी सांठगांठ के कारण बसपा उम्मीदवार सह जयकर को पक्ष से बाहर कर दिया गया था.इसके बाद बसपा नेताओं की मन की मुराद पूरी कर ७ दिसंबर को पुनः नागपुर जिला प्रभारी बनने में सफल हो गए.
शेवड़े ने ताजने पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए जानकारी दी कि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विलास गरुड़ के शह पर ताजने गुणवत्ता न रहने के बाद भी लाभ के पद पर विराजमान होते रहे.राज्य में बसपा को सिरे से ख़त्म करते हुए अकोला-वाशिम में काफी गड़बड़ियां की.अमरावती में कार्यकर्ताओं से झड़प काफी चर्चित रहा.लोकसभा चुनाव बाद प्रदेश अध्यक्ष सुरेश साखरे को पदमुक्त करने में भी अहम् भूमिका निभाई।ताजने ने प्रदेश अध्यक्ष बनते ही पदों की बिक्री खुलेआम शुरू की.इस नित के कारण बसपा के कट्टर कार्यकर्ता घर बैठ गए.
शेवड़े ने बसपा सुप्रीमो से मांग की कि राज्य में पक्ष को बचाने के लिए मेरे द्वारा लगाए गए आरोप को गंभीरता से लेते हुए जाँच कर दोषियों पर कार्रवाई करें।