नागपुर: उमरेड तहसील नवेगांव साधु ग्राम पंचायत में तात्कालीन सचिव व सरपंच द्वारा 10 लाख रुपयों का घोटाला किये जाने के मामले पर जिप अध्यक्ष निशा सावरकर ने पंचायत विभाग डिप्टी सीईओ को सचिव के खिलाफ फौजदारी मामला दर्ज करने का निर्देश दिया. स्थायी समिति की बैठक में विरोधी पक्ष नेता मनोहर कुंभारे ने यह मुद्दा उठाते हुए भ्रष्टाचारियों के खिलाफ एफआईआर दाखिल करने की मांग की थी. उन्होंने सरपंच व सचिव के खिलाफ फौजदारी मामला दर्ज कर निलंबित करने की मांग की.
कुंभारे ने बताया कि शिकायतकर्ता व पूर्व सरपंच संजय वाघमारे ने जिप पंचायत विभाग को की गई शिकायत में बताया था कि वर्ष 2015 से 2017 के दौरान ग्राम विकास अधिकारी पंजाब चव्हाण व सरपंच ने ग्रापं को प्राप्त निधि बैंक में जमा नहीं करते हुए 10 लाख रुपयों का परस्पर खर्च किया.
मामले की बीडीओ द्वारा जांच की गई जिसमें बड़े पैमाने पर अनियमितता सामने आई है. सचिव व सरपंच ने ग्राम पंचायत के तहत आने वाले लेआउट्स, भूखंड व घरों से 3 वर्ष की कर वसूली की कुछ रकम ही बैंक में जमा की और शेष आपस में खर्च कर दी. बैंक में जमा रकम को चेक द्वारा सचिव ने सीधे विड्राल किया और 2 लाख रुपयों की अनियमितता की. अध्यक्ष ने इस मामले में भ्रष्टाचारी सचिव के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश विभाग प्रमुख को दिया.
एलईडी घोटाले में भी कार्रवाई
अध्यक्ष ने जिले के कई ग्राम पंचायतों में एलईडी लाइट खरीदी में घोटाला करने वाले संबंधित सरपंच व सचिव के खिलाफ भी नियमानुसार कार्रवाई करने का निर्देश विभाग प्रमुख को दिया. बैठक में नवनिर्मित सभागृह के नामकरण का मुद्दे पर भी अध्यक्ष जमकर बरसीं.
उन्होंने कहा कि तात्कालीन सीईओ व तात्कालीन कार्यकारी अभियंता के साथ चर्चा में यह तय हुआ था कि सभागृह का नाम सावित्रीबाई फुले के नाम पर दिया जाएगा लेकिन ऐसा नहीं करते हुए बांधकाम समिति की ओर से संत गाडगेबाबा सभागृह नाम दे दिया गया. अध्यक्ष ने सभागृह का नाम बदलने और दिशाभूल करने वाले दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई का निर्देश दिया.
बोरवेल के कार्य अटके
केसिंग पाइप के अभाव में जिले में बड़े पैमाने पर बोरवेल के कार्य अटके हुए हैं. यह मुद्दा भी विरोधी पक्ष नेता ने उपस्थित किया. जिले में 1070 बोरवेल को मंजूरी दी गई थी जिसे 30 जून तक किसी भी हालत में पूरा किया जाना था लेकिन अब तक केवल 817 बोरवेल के ही कार्य हो पाये हैं.
शेष बोरवोल के कार्य केसिंग पाइप की आपूर्ति नहीं होने के कारण नहीं हो पाने का कारण अधिकारियों द्वारा बताया गया. उज्जवला बोढारे ने सभा में बताया कि बारिश के लिए पुल दुरुस्ती के अनेक टेंडर जारी नहीं किये जाने के कारण काम नहीं हो पाये हैं. जिले में आंगनवाड़ी इमारतों के कार्य मनरेगा के तहत करने का विरोध भी कुंभारे, नाना कंभाले ने किया. उन्होंने कहा कि डीपीसी से प्राप्त निधि से ही यह कार्य होने चाहिए, मनरेगा के तहत किये जाने से अनेक जगहों पर अनियमितता होने की आशंका उन्होंने बताई. बैठक में उपाध्यक्ष शरद डोणेकर, सभापति उकेश चव्हाण, आशा गायकवाड, पुष्पा वाघाडे, सदस्य विजय देशमुख, रुपराव शिंगणे, वर्षा धोपटे, पदमाकर कडू, सीईओ संजय यादव व सभी विभाग प्रमुख उपस्थित थे.