नई दिल्ली: बहुत दिनों से हम जानते हैं कि भारत की अर्थव्यवस्था में गिरावट आ रही है थी। साल 2014 के पहले जब मैं पार्टी प्रवक्ता था तो जब आर्थिक मामलों की बात आती थी, तो हम यूपीए सरकार की स्थिति को पॉलिसी पैरालिसिस का नाम देते थे। हम इससे पहले की सरकार को दोष नहीं दे सकते क्योंकि हमें पूरा मौका मिला है। यह बात पूर्व वित्त मंत्री और मोदी सरकार के खिलाफ लेख लिख कर विवादों में आए यशवंत सिन्हा ने कही।
उन्होंने कहा कि बिना नोटबंदी के परिणामों को जाने सरकार GST ले आई। आज जब नौकरी है ही नहीं, तो नौकरी देंगे कहा से? सिन्हा ने कहा कि आज लोगों में रोजगार को लेकर चिंता है। यशवंत ने कहा कि लंबे समय के फायदें की दलील बेकार है।सिन्हा ने कहा कि नोटबंदी पहला झटका था, और GST दूसरा। आज देश की जनता चाहती है कि रोजगार मिले, पर जिससे पूछो वो कहता है कि रोजगार है ही नहीं।
अपने लेख पर डटे हुए सिन्हा ने कहा कि विकास दर गिरने से गहरी चिंता है। उन्होंने कहा कि बैंको के NPA को नीचे लाने होगा ताकि सुधार हो सके। उन्होंने कहा यदि कांग्रेस के वित्त मंत्रियों को छोड़ दें तो केवल मैं हूं जिसे 7 बजट पेश किया है। अगर आप एक के बाद एक झटका देते रहेंगे तो अर्थव्यव्सथा संभलेगी क्या? लगातार 6 महीने से विकास दर घट रही है। उन्होने कहा कि नोटबंदी के चलते अर्थव्यवस्था की रफ्तार और सुस्त हुई।
सिन्हा ने कहा कि शायद राजनाथ सिंह और पीयूष गोयल मुझसे ज्यादा अर्थव्यवस्था जानते हैं, इसलिए उन्हें लगता है कि भारत दुनिया की अर्थव्यवस्था का आधार है। मैं विनम्रता से उनसे असहमत हूं।