नई दिल्ली. सामना के संपादकीय में नीरव मोदी के जरिए पीएम मोदी और बीजेपी पर निशाना साधा गया है. सामना के संपादकीय में लिखा गया है कि ना खाऊंगा ना खाने दूंगा, पीएम की ये घोषणा असफल रही है. इसमें आगे लिखा है कि 2014 का चुनाव जीतने के लिए बीजेपी के साथ जो अमीर खड़े हुए थे वो किस योग्यता के थे, अब दिखाई दे रहे हैं.
पीएम मोदी पर सवाल उठाते हुए सामना में लिखा गया है कि नीरव मोदी दावोस कैसे गया, जब पहले ही इसके खिलाफ शिकायत दर्ज हो चुकी थी. कैसे नीरव मोदी उस बैठक में शामिल हुआ, जब पीएम मोदी उद्योगपतियों से मिल रहे थे. सामना में तंज कसते हुए कहा गया है कि नीरव मोदी का आधार बैंक से लिंक किया होता तो कुछ बातें सामने आ गई होती. आम आदमी को आधार कार्ड के बैगर शमशान में लकड़ी भी नहीं मिल रही, लेकिन नीरव को आधार कार्ड के बिना 11 हजार करोड़ की लूटने का मौका मिला.
पीएम मोदी पर हमला करते हुए लिखा गया है कि नीरव मोदी बीजेपी के हमसफर थे यानी चुनाव के लिए पैसा जमा करने में ये महाशय आगे थे और बीजेपी नेताओं का इनपर आशीर्वाद था. बैंको में लूट का हिस्सा बीजेपी के खजाने में गया.