अचलपुर (अमरावती)। मतदान की तिथि के नजदीक आने के साथ ही अचलपुर निर्वाचन क्षेत्र में हलचलें भी तेज होती जा रही हैं. कांग्रेस ने जहां इस क्षेत्र से अनिरुद्ध बबलू देशमुख को मैदान में उतारा है, वहीं राकांपा की ओर से अधि. आबिद हुसैन को टिकट दिए जाने की संभावना जताई जा रही है. वैसे, चुनाव चौकोनी हो या पंचकोनी, अनिरुद्ध देशमुख के लिए अचलपुर के गढ़ को जीतना आसान नहीं होगा.
राकांपा नेता और इस इलाके में दबदबा रखने वाली पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष श्रीमती सुरेखाताई ठाकरे हाल में शिवसेना वासी हो गई हैं. उधर, कहा जाता है कि लोकसभा चुनाव में तीन नेताओं ने श्रीमती नवनीत राणा के खिलाफ काम किया था. कांग्रेस पार्टी ने इन लोगों को कोई सजा देने के बजाय इन्हें विधानसभा चुनाव का टिकट देकर पुराने जख्म हरे कर दिए हैं. जिन तीन नेताओं का नाम सामने आया था उनमें केवलराम काले, रावसाहेब शेखावत और यशोमती ठाकुर शामिल थे.
राज्य सरकार में मंत्री रहीं श्रीमती वसुधाताई देशमुख का भी इस क्षेत्र में अपना प्रभाव है. इस क्षेत्र से पूर्व नगराध्यक्ष अरुण वानखेड़े, पूर्व नगराध्यक्ष हाजी मो. रफीक सेठ, जिला परिषद सदस्य प्रताप अभ्यंकर, लोकप्रिय विधायक बच्चू कडू, शिवसेना से श्रीमती ठाकरे, निर्दलीय के रूप में पूर्व भाजपा सांसद अनंतराव गुढ़े, निर्दलीय नितिन कोरडे, अमरावती महानगरपालिका के सदस्य हमीद शाह, मुस्लिम लीग, एमआईएम और यूडीएफ चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं. वोट बंटने का सबसे ज्यादा असर कांग्रेस पर ही पड़ने की संभावना जताई जा रही है.
अचलपुर विधानसभा क्षेत्र में कुल 290 बूथों पर वोट डाले जाएंगे. राकांपा अगर आबिद हुसैन को उम्मीदवार बनाती है तो बबलू देशमुख के लिए मुकाबला और मुश्किल हो जाएगा. इस क्षेत्र में 40 से 50 हजार मुस्लिम मतदाता निर्णायक साबित हो सकते हैं.