Published On : Thu, Sep 22nd, 2022
nagpurhindinews | By Nagpur Today Nagpur News

सक्रीय कार्यकर्ताओं को लिया जाएगा मनसे की कार्यकारिणी समिति में ?

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– हेमंत गडकरी का दौरा समाप्त,तो वणी के नगराध्यक्ष राजू उंबारकर को दी जा रही तरजीह

नागपुर – महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना की कार्यकारी समिति भंग होने के बाद से नागपुर के साथ पूर्व विदर्भ का नेतृत्व अपने अधीनस्त रखने के लिए कुछ निष्क्रिय पदाधिकारी सक्रिय हो गए हैं. राज ठाकरे ने नागपुर आकर शहर और ग्रामीण कार्यकारिणी को भंग कर दी। इससे प्रदेश महासचिव हेमंत गडकरी के समर्थक सकते में आ गए हैं।

याद रहे कि राज ठाकरे के दौरे की पुष्टि के बाद से ही हेमंत गडकरी समर्थकों को संकेत मिल गया था कि उन्हें सिरे से पदमुक्त कर दिया जाएगा। नागपुर को छोड़कर अन्य जिलों में कार्यकारिणी ने ज्यादा बदलाव नहीं किया गया। मनसे सुप्रीमो को नियमित शिकायतें मिल रही थी तो पक्ष के निशाने पर गडकरी आ गए थे ,जिसे पक्ष ने गंभीरता से लिया और नए सिरे से पक्ष मजबूत करने का दावा फ़िलहाल में किया जा रहा.

वहीं यवतमाल जिले के वणी के नगराध्यक्ष राजू उंबारकर राज ठाकरे के पूरे दौरे के दौरान काफी सक्रिय रहे. वे पूर्वी विदर्भ को अपने नियंत्रण में रखना चाहते हैं,इसके लिए नागपुर जिला महत्वपूर्ण है। इसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने अपनी अलग टीम बनाई है. शहर अध्यक्ष और ग्रामीण अध्यक्ष पद के पदाधिकारियों के नाम भी तय कर दिए गए हैं ?

उन्होंने रवि भवन क्षेत्र में राज ठाकरे के स्वागत बोर्डों के माध्यम से अपने समर्थकों की ‘ब्रांडिंग’ भी की। उन्होंने जिले में अपने समर्थकों को नेतृत्व मिले इसके लिए जोरदार प्रयास कर रहे है.

उन्होंने राज ठाकरे के नागपुर पहुंचने से लेकर ठहरने तक की सारी जिम्मेदारी संभाली। राज ठाकरे से जुड़े होने के कारण उनके समर्थक भी उत्साहित थे। मनसे के कार्यकर्ताओं की कम संख्या को देखते हुए उंबारकर के समर्थक कार्यकारिणी में नजर आएंगे।

… तो अनपेक्षित नाम दिखाई देगा

राज ठाकरे के आने से पहले उनके तीन वफादार विदर्भ में डेरा डाले हुए थे। कौन काम कर रहा है और कौन निष्क्रिय हैं,उसकी समीक्षा की गई। उनकी ही रिपोर्ट पर नागपुर की कार्यकारिणी को बर्खास्त कर दिया गया। इसे देखते हुए मनसे कार्यकर्ताओं के लिए अध्यक्ष पद के लिए कुछ नाम अप्रत्याशित रूप से सामने आने की उम्मीद है। इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि इससे अंबरकर के समर्थक भी प्रभावित होंगे।