Published On : Fri, Mar 17th, 2017

आखिर क्यों रोये वरिष्ठ नगरसेवक !

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Man crying

Representational Pic


नागपुर:
 बेधड़क बयानबाजी करने एवं उतने ही नर्म स्वाभाव के वरिष्ठ नगरसेवक तीसरी दफा मनपा चुनाव में जीत कर आये.शहर के विधायक पिछले ४ सालों से उक्त नगरसेवक से काफी नाराज चल रहे है। अब आलम यह है कि उक्त नगरसेवक को उन्हीं के पक्ष के विधायक निपटाने में भिड़े हैं। इस बात को लेकर उक्त नगरसेवक काफी सकते में आ गए, इसी वजह से एक पार्टी में उक्त नगरसेवक अपने करीबी समर्थकों के बीच फूट-फूट कर रोये और वह बार-बार कह रहे थे कि मैंने निष्ठा से पक्ष और उक्त विधायक के लिए कार्य किया फिर भी वह मुझे राजनीतिक रूप से निपटाने के लिए एक टांग पर खड़े हैं।

बताया जाता है कि उक्त विधायक ने ही पक्ष में उक्त नगरसेवक को अपना करीबी होने के कारण शून्य से यहाँ तक पहुँचाया। विधायक की चाहत थी कि उक्त नगरसेवक उनकी जी-हुजूरी तक ही पक्ष में सीमित रहें। लेकिन उक्त विधायक के पहले कार्यकाल के तीसरे-चौथे साल से दोनों के मध्य खटास आ गयी। वजह थी कि अतीत में पार्टी से सम्बंधित कोई भी कार्यक्रम या कामकाज हो तो उक्त विधायक सारा का सारा बढ़ा खर्च नगरसेवक के मत्थे मढ़ देता था। दो-तीन वर्ष उक्त नगरसेवक ने हँसते-हँसते सारा खर्च वहन कर लिया लेकिन जब उसे उक्त विधायक के मंसूबे का आभास/कड़की समय के दौरान जब उक्त नगरसेवक ने हाथ खड़े कर दिया तो उक्त विधायक नाक-भौं सिकोड़ने लगा। वैसे सम्पूर्ण शहर को मालूम है कि उक्त विधायक की जेब नहीं है, यानी पैसे रखे तो टिकना नहीं है। जब पैसे नहीं तो पैसे संबंधी व्यवहार इनकी तरफ से मुमकिन नहीं, ऐसे में बलि का बकरा ढूँढना लाजमी है।

इस दौरान उक्त नगरसेवक उक्त विधायक का अपने प्रति रवैया देख बड़बोले इस नगरसेवक ने न आगे देख और न पीछे कहीं भी विधायक के खिलाफ मनमानी नकारात्मक बयानबाजी कर डाली।जब इस बयानबाजी के क्रम की इंतहा हो गई तो दोनों के मध्य की निकटता लंबी दूरियों में तब्दील हो गई।
इसके पश्चात उक्त विधायक ने अपने ही समाज के अन्य नगरसेवक उर्फ़ डीएम को तरजीह देनी शुरू की, इस नगरसेवक ने भी उक्त विधायक की गली से लेकर मुम्बई तक विधायक के शौक के अनुसार सारी सुविधाएं उपलब्ध करवाते-करवाते काफी करीब आ गए। यह नगरसेवक भी मुम्बई की दुनिया का काफी शौक़ीन था, इसका मुम्बई से इतना गहरा लगाव था कि लगभग हर शनिवार-रविवार मुम्बई में ही दिखाई देता था, मुम्बई में इसका साथ कलमना थाने के पूर्व थानेदार देते थे। हालाँकि यह नगरसेवक गत माह संपन्न हुए मनपा चुनाव में हार गया।

दूसरी ओर उक्त विधायक को तरजीह देने वाला उनका पूर्व साथी नगरसेवक उर्फ़ एनबी वैसे भाजपा में शुरूआती दौर से है। इसने वर्तमान मुख्यमंत्री के साथ संगठन में काफी समय तक कार्य किया।इसलिए मुख्यमंत्री के समक्ष या उनके कार्यालय में बेहिचक आता-जाता तो था ही उसे तरजीह भी मिलती थी, तो जमीनी स्तर का साफ़-सुथरा कार्यकर्ता होने की वजह से नितिन गडकरी और उनका कार्यालय भी काफी अहमियत दिया करते हैं। दोनों दिग्गजों से सीधा संबंध के अलावा मनपा में दो ऊर्जावान भाजपा के भविष्य से तो मुँह लगी दोस्ती किसी से छिपी नहीं थी। इन सभी वजह से उक्त विधायक ने एकसूत्री कार्यक्रम के तहत उसकी राजनीतिक भविष्य ख़त्म करने पर आमादा होने का आरोप उक्त नगरसेवक ने लगाया।

इतना ही नहीं पिछले माह संपन्न हुई मनपा चुनाव में उक्त विधायक ने अपने बलि के बकरे को उक्त नगरसेवक के साथ एक ही प्रभाग से चुनाव लड़वाया, उम्मीद के विपरीत उक्त बलि का बकरा मनपा चुनाव हार गए और शेष सभी उक्त नगरसेवक सहित अन्य उम्मीदवार चुनाव जीत गए। बलि के बकरे की हार को उक्त विधायक ने दिल पर ऐसा लिया कि हार का दारोमदार उक्त नगरसेवक पर मढ़ दिया। बलि के बकरे के लिए इस नगरसेवक को राजनीतिक रूप से निपटने के लिए उक्त विधायक मौका ढूंढता फिर रहा है। इस बात को लेकर उक्त नगरसेवक काफी सकते में है, इसलिए अपने करीबियों के समक्ष मन का बोझ हल्का करते-कतरे आंसू छलक गए।

उल्लेखनीय यह है कि उक्त विधायक को सिर्फ आर्थिक व्यवहार तक के लिए हिंदी भाषी से दरकार रखते है। लेकिन राजनीति में उन्हें रत्तीभर हिंदी भाषी को तरजीह देना पसंद नहीं, चुनावी परिस्थिति अलग बात है। इसी कारण इस विधायक का पक्ष-विपक्ष के किसी भी हिंदी भाषी नगरसेवक-नगरसेविका से लंबे समय तक नहीं बनी। इतना ही नहीं हिंदी भाषी विधायक-पालकमंत्री से इतनी खटास थी कि उसे घर बिठा दिया।