Published On : Mon, Aug 20th, 2018

जब चिड़िया चुग गई खेत तब जाग आई परिवहन विभाग को

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नागपुर : मनपा परिवहन व्यवस्थापक के नेतृत्व वाला परिवहन विभाग अगर वक़्त रहते शहर बस सेवा का संचालन अपने हाथ में ले चुका होता तो शायद शहर बस सेवा की हालत ख़स्ता न हुई होती और आज करोड़ों का मासिक नुकसान झेल रही मनपा को कुछ लाभ पहुंचता. स्वास्थ्य सेवा,सुरक्षा हेतु पुलिस सेवा,स्थानीय स्वराज्य संस्था द्वारा दी जाने वाली मूलभुत सेवा की तर्ज पर परिवहन सेवा भी निहायती महत्वपूर्ण सेवाओं में से एक है.

इन सेवाओं को देते वक़्त नफा-नुकसान का आंकलन नहीं किया जाता. बावजूद इसके देश में अनोखी नागपुर मनपा में नुकसान पर सेवा में कटौती का क्रम जारी रखना, चिंतनीय विषय है. शुरुआत में रेड और ग्रीन बस के संचलन के लिए बनी परियोजना के अनुसार पूरी बसें सड़कों पर दौड़ाई जाती तो नुकसान भी अब के मुकाबले कम होता.साथ ही मनपा और गडकरी का ‘ट्रांसपोर्ट मॉडल’ भी शत-प्रतिशत सफल हो गया होता.

केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के ‘ड्रीम प्रोजेक्ट’ में शहर बस सेवा भी महत्वपूर्ण प्रकल्पों में से एक है. मनपा द्वारा ७ ठेकेदारों के जरिये शहर बस सेवा का संचलन करते एक वर्ष से ज्यादा वक़्त गुजर गया. एक साल बाद पिछले कुछ महीनों से शहर बस सेवा लड़खड़ा गई है. वजह साफ़ है कि शुरुआत से ही नियोजन का आभाव रहा. मनपा की सिर्फ मामूली गलती यह रही कि प्रोफेशनल ट्रांसपोर्ट मैनेजर के बजाय सरकारी कर्मी को मनपा परिवहन विभाग का मुखिया बना दिया.

इसी माह गडकरी ने उक्त मामलात पर २ बैठकें ले चुके और तीसरी बैठक दिल्ली में २२ अगस्त २०१८ को ट्रांसपोर्ट भावकन में लेने जा रहे हैं.इस बैठक के लिए मनपा ट्रांसपोर्ट मैनेजर द्वारा तैयार रिपोर्ट के अनुसार :-

कुल बस -३४५ ( मार्ग कटौती पूर्व ३८५ बसें रोजाना दौड़ रही थी )
ग्रीन बस – २५
रेड बस -३२०
रोजाना किलोमीटर – ७६,३६८( रेड व ग्रीन )
कुल फेरी-५०६० ( रेड व ग्रीन )
रोजाना यात्री संख्या – १. ५७ ( रेड व ग्रीन )
प्रति किलोमीटर नुकसान – ३४ रुपए ( रेड व ग्रीन)
दर माह मनपा को नुकसान – ६.७६ करोड़ ( रेड व ग्रीन)
डीजल बस भाड़ा बढ़ोतरी- अगली सभा का अटका
ऑपरेटर का बकाया – १३ में से ढाई करोड़ दिया गया
बकाया भुगतान का उपाययोजना – २०१८ से प्रत्येक ८ दिनों में डीजल के लिए २०-२० लाख दिया जा रहा ग्रीन बस
एस्क्रो अकाउंट निर्मिति – १५ सितम्बर के पूर्व खोला जाएगा
वाड़ी नाके पर इमारत – १५ सितम्बर के पूर्व तोड़ा जाएगा.
जीएसटी – ऑपरेटर को जीएसटी फ्री होने का पत्र १३ अगस्त को दिया गया

उक्त रिपोर्ट पेश कर मनपा परिवहन विभाग केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को गुमराह कर खुद की पीठ थपथपाने की कोशिश करने का षड्यंत्र माना जाये तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी.

परिवहन विभाग की रिपोर्ट जो गडकरी के समक्ष पेश की जानी है. उसके अनुसार विभाग ने रेड और ग्रीन बस का संयुक्त रिपोर्ट तैयार किया. संयुक्त रिपोर्ट में सभी बसों का संयुक्त औसतन नुकसान दिखाया जाएगा, जिसे गडकरी को भ्रम होना लाजमी है.

१- वर्तमान में रोजाना सड़कों पर दौड़ रही ३२० रेड बसों से कहीं ज्यादा २५ ग्रीन बस के संचालन में नुकसान हो रहा है. इस नुकसान को शुरुआत में ही कम किया जा सकता था. तब ‘प्रमोशनल ऑफर’ दी गई होती, जैसे दोनों बसों का किराया एक सरीखा होता. साल भर बाद आदत पड़ने के बाद ग्रीन बस का किराया धीरे-धीरे बढ़ा दिया जाता. कुछ बस सेवा के आदि हुए यात्री ग्रीन से रेड बस के यात्री बन जाते बजाय अन्य पर्याय ढूंढे. ऐसी सूरत में आज के बनस्पत नुकसान आधे के आसपास दिखा होता.

२- वर्तमान में रेड बस का रोजाना ३२ लाख के आसपास बिल बन रहा और कमाई २० लाख के आसपास हो रहा है. रोजाना प्रति बस ३७५० रूपए हो रहा हैं.वहीं दूसरी ओर २५ ग्रीन बस से रोजाना साढ़े ४ लाख रूपए का घाटा हो रहा है. याने रोजाना प्रति ग्रीन बस पर १६५०० रुपए का घाटा हो रहा है और कमाई के नाम पर मात्र २५ बसों से लगभग ४०००० रुपए हो रही है.

३- सरकार सह मनपा को कमाई के लिए अन्य कई माध्यम हैं और सेवा देने के नाम पर कमाई-नुकसान का आंकलन करना असंवैधानिक बतलाया जा रहा है. शहर के नागरिक अन्य कई प्रकार के कर नियमित देते हैं, इसके एवज में सरकार व प्रशासन मूलभुत सुविधा,स्वास्थ्य सुविधा सह परिवहन सुविधा सस्ता व सुलभ उपलब्ध करवाना अनिवार्य जिम्मेदारियों में से एक है. क्या नागपुर की जीएसटी में बढ़ोत्तरी करने के बाद डेढ़ लाख यात्रियों को राहत प्रदान करना सरकार की जिम्मेदारी नहीं हैं?

४- शहर में ही मेट्रो रेल का निर्माण कार्य जारी है. इसे सेवा देने के लिए कम से कम २ वर्ष के आसपास समय लगेगा. शुरुआत में २० से २५ हज़ार शहर के नागरिक सफर का लुफ्त उठाएंगे. इस दौरान महामेट्रो को भी हज़ारों करोड़ में नुकसान वहन करना पड़ सकता है. जब महामेट्रो को नुकसान बढ़ता दिखेगा तब क्या इसके भी मार्ग या फेरियों में कटौती की जाएंगी.

इसलिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से शहर के बस यात्रियों ने मांग की है कि नियमित सुचारु सह निम्न शुल्क में सेवा देने के लिए मनपा परिवहन व्यवस्थापक की जगह प्रोफेशनल व्यवस्थापक और मनपा की ओर से परिवहन व्यवस्था संभालने वाली डिम्ट्स की नकेल कसना समय की मांग है. साथ ही केंद्र सरकार से ग्रीन और राज्य सरकार से रेड बस के लिए विशेष अनुदान या जीएसटी बढ़ाकर नागपुर मनपा का मासिक जीएसटी ९० करोड़ की जाए.