- 60 हजार लोगों का सवाल
- क्या भाजपा सरकार इस वर्षों पुरानी मांग की तरफ ध्यान देगी
उमरखेड़ (यवतमाल)। पिछले कई वर्षों से उमरखेड़ वासी शासन से बायपास मार्ग के लिए माँग करते रहे हैं, पर राज्य सरकार इस आवश्यक माँग की पूर्ति करने में अक्षम नजर आ रही है. दूसरी ओर उमरखेड़ से बाहर की ओर जाने वाला रास्ता बनाने के लिए लगने वाली भूमि के लिए जिन लोगों से संपादिक की जानी है, वे अपनी जमीनें देने की तैयारी में नहीं दिख रहे हैं. यदि शासन शहर के अतिक्रमण हटाकर उड़ान पुल बनाए तो लगता है, यह संभव हो जाए. इसके बनने से शहर में बढ़ रही दुर्घटनाओं को टाला जा सकता है. इस उड़ान पुल की मांग नागरिकों व अन्य सभी स्तरों पर की जा रही है कि आख्रिर कब निर्माण होगा उमरखेड़ बायपास उड़ान पुल?
शहर में बड़े वाहनों व पैदल चलने वाले के लिए एक ही मार्ग होने से पैदल यात्री कब दुर्घटना के शिकार हो जाएं बताया नहीं जा सकता. वहीं स्कूलें, कॉलेज होने से तालुका के अनेक गांवों से आवागमन करने वाले विद्यार्थी भयाक्रांत नजर आते हैं. विद्यार्थियों की माँग तथा उनके सुरक्षार्थ यह उड़ान पुल को शीघ्रताशीघ्र बनाये जाने के कदम सरकार को उठाने की आवश्यकता है. समझा जा रहा है कि केन्द्र व राज्य में भाजपा की सरकार होने से इस काम में देर नहीं होगी. शहर के बाहर से बायपास बनाने में हो रही देरी के कारण अल्प भूधारक किसान, अन्य परिवारों की जमीनें सर्वेक्षण के अंतर्गत आने से उनके जीवन व्यापन तथा निवास इत्यादि की व्यवस्था शासन स्तर पर कोई पहल कर की जानी चाहिए. कांग्रेस की सरकार के वक्त रास्ते बनाने पर कोई विचार नहीं किया गया है. अब भाजपा की सरकार व नितिन गडकरी जैसे केन्द्रीय मंत्री के होने के बाद उड़ान पुल बनने में देर नहीं लगेगी यही आशा 60 हजार नागरिकों को अब होने लगी है. फिर भी सवाल उठ रहा है कि आखिर उमरखेड़ बायपास उड़ान पुल किसी की बलि लेने के बाद ही बनायी जाएगी?
