Published On : Sun, May 31st, 2015

वरुड : मरना नहीं, लड़ना सिखें किसान

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किसान अकाल परिषद में शेट्टी ने कहा

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वरुड (अमरावती)। विदर्भ के वरुड-मोर्शी जिला कपास उत्पादन के लिए पहचाना जाता है, यहां प्रमुख फसल ही कपास है, बड़े पैमाने पर यहां कपास पैदा होता है. लेकिन कपास पर आधारित उद्योग पश्चिम विदर्भ की झोली में है यह शोकांतिका है. अन्याय को सहते हुए मरना नहीं बल्कि अन्याय का विरोध कर किसानों को अब लढऩा सिखना होगा. उन्हें अपनी अधिकारों के लिए आवाज उठानी होगी यह विचार सांसद राजु शेट्टी ने व्यक्त कि ए. वे कृषि उपज मंडी समिति के प्रांगण में स्वाभिमान किसान संगठन की ओर से आयोजित  अकालग्रस्त किसान परिषद में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि 10 रुपए के कपास में धोती बनती है, जिसे बाजार में 250 रुपए में बेचा जाता है, किसान को केवल 10 रुपए थमाए जाते है. इतना अन्याय किसान सह रहे है. लेकिन अब और नहीं सहेगे.